रिहा होते ही महबूबा मुफ्ती ने फिर उगला जहर, बीजेपी ने कहा- सलाखों के पीछे डालें

महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने फिर से भारत के राष्ट्रीय ध्वज को लेकर जहरीला बयान दिया है। महबूबा ने कहा कि जबतक कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो जाता और उन्हें जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिल जाता वो तिरंगा नहीं उठाएंगी। महबूबा के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया है।

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बीजेपी ने महबूबा के इस बयान को देशद्रोही करार दिया है। बीजेपी ने कहा है कि धरती की कोई ताकत वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि मैं उपराज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लेते हुए उन्हें सलाखों के पीछे डालें।

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पीडीपी कार्यालय पर तिरंगा फहराया

महबूबा के द्वारा दिए गए इस भड़काऊ बयान के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराने की कोशिश की। हालांकि पुरिस ने उन्हें पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। इससे पहले रविवार को बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर दिए गए महबूबा के बयान के बाद पीडीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

जम्मू में कुछ युवाओं ने पीडीपी के दफ्तर पर तिरंगा झंडा फहराया था। प्रदर्शन के दौरान महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। दरअसल, रिहा होने के बाद महबूबा ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करने वाली टिप्पणी की थी। महबूबा ने कहा था कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा कोई दूसरा झंडा नहीं उठाऊंगी। उन्होंने कहा था कि जबतक हमें हमारा ये झंडा वापस नहीं आएगी तबतक हम उस झंडे को नहीं उठाएंगे। हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे (तिरंगा) से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।

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बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को पिछले साल 2019 में 5 अगस्त को हटा दिया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रेदश बनाए गए।

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