Mahashivratri 2024: Mahashivratri Kab hai? 2024 में महाशिवरात्रि कब है?

Mahashivratri 2024: Mahashivratri Kab hai?

Mahashivratri 2024: Mahashivratri Kab hai? महाशिवरात्रि कब है? महाशिवरात्रि का पर्व भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए बहुत ही शुभ और अनुपम होता है। साल 2024 में महाशिवरात्रि कब है (Mahashivratri Kab hai 2024), इस बिषय में आज आपको जानकारी देते हैं। 

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Mahashivratri Kab Hai?

Mahashivratri Kab hai? साल 2024 में महाशिवरात्रि कब है? साल 2024 में 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को महाशिवरात्रि है। यह दिन भगवान शिव का खास दिन होता है। महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, पाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष को महाशिवरात्रि मनाया जाता है। फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि शिव भक्तों के लिए खास तिथि होती है। साल 2023 में महाशिवरात्रि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 को रात 8 बजकर 2 मिनट पर होगी। इसका समापन अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर होगा। बता दें कि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में होती है। 

  • निशिता काल का समय – 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
  • प्रथम पहर पूजा समय – 18 फरवरी, शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 09 बजकर 46 मिनट तक
  • द्वितीय पहर पूजा समय – रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक
  • तृतीय पहर पूजा समय – 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक
  • चतुर्थ पहर पूजा समय -19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक
  • व्रत पारण का समय- 19 फरवरी 2023, सुबह 06 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक

महाशिवरात्रि पूजन विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)

महाशिवरात्रि में भगवान शिव और मां पार्वती के युगल छवि की पूजा की जाती है। इसलिए महाशिवरात्रि में विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद 8 लोटे केसर का जल चढ़ाना चाहिए। 

फिर उस दिन पूरी रात दीपक जलाना चाहिए। भगवान शंकर की मूर्ति को चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल कट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा चढ़ाना चाहिए। 

सबसे बाद में केसर की खीर का भोग लगाना चाहिए और प्रसाद के रूप में उसे बांटना चाहिए। आप खीर बनाते वक्त उसमें केसर डाल लें। इस दिन ऊँ नमो भगवते रूद्राय, ऊँ नम: शिवाय रूद्राय शुम्भवाय् भवानीपतये नमो नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन शिव पुराण का पाठ करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन रात में जागरण भी किया जाता है। 

महाशिवरात्रि को भगवान शिव को क्या चढ़ाना चाहिए?

महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास दिन होता है। इस दिन शिव भक्तों को या जो भी भक्त महाशिवरात्रि व्रत कर रहा हो, उन्हें तीन पत्तों वाला बेलपत्र शिव जी को चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव को भांग बहुत ही प्रिय है। इसलिए इन दिन भगवान भोलेनाथ को भांग में दूध मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। 

इसके साथ ही महाशिवरात्रि के दिन पूजा में शंकर भगवान को धतुरा और गन्ने का रस भी अर्पित करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति की वृद्धि होती है। जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इससे मन की अशांति दूर होती है। 

महाशिवरात्रि को करें यह खास उपाय

यदि आप अपने जीवन से परेशान रहते हैं। आपको कोई रास्ता नहीं मिल रहा है अपनी जिंदगी को बेहतर करने की तो महाशिवरात्रि को कुछ खास उपाय को करने से जीवन में बहुत ही तरक्की मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन इन उपायों को करने से जीवन में सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 

1. सुख-समृद्धि के लिए

जीवन में हर कोई सुख और समृद्धि चाहता है। इसके लिए हर कोई अपने स्तर पर उपाय करता है। महाशिवरात्रि के दिन जीवन में यदि आप सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं तो गाय को हरा चारा खिलाने से बहुत ही लाभ होता है। महाशिवरात्रि के दिन गाय को हरा चारा खिलाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।

2. वैवाहिक जीवन की समस्याएं

वैवाहिक जीवन में समस्या होने पर महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह वाली तस्वीर की पूजा करने से बहुत ही लाभ मिलता है। नियमित रूप से मां पार्वती और शिव की युगल छवि की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं खत्म होती है। इस दिन आप चाहे तो भगवान शिव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

3. संतान प्राप्ति और संतान समस्या

यदि आपको संतान से संबंधित कोई समस्या है तो महाशिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाकर 111 वरुण का जलाभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से संतान से जुड़ी हुई सभी समस्याएं खत्म होती है और दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।

4. आर्थिक तंगी होगी दूर

यदि घर में हमेशा आर्थिक समस्या रहती है तो रोजाना भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और शिवलिंग पर जाकर जल चढ़ाना चाहिए। हालांकि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान  पूर्वक पूजा करने से  घर की आर्थिक समस्या दूर होती है।

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Mahashivratri Kab hai? महाशिवरात्रि की कथा

महाशिवरात्रि के दिन महाशिवरात्रि की कथा करना और सुनना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गए लेकिन उसे कोई शिकार नहीं मिल पाया। शिकार नहीं मिलने से निषादराज थककर भूख प्यास से परेशान हो गए और एक तालाब के किनारे जाकर बैठ गए। उस तालाब के शमी वृक्ष के नीचे शिवलिंग था। अपने शरीर को आराम देने के लिए निषादराज ने कुछ बेलपत्र तोड़ा और इसी क्रम में शिवलिंग पर भी वह बेलपत्र गिर गए।

अपने पैरों को साफ करने के लिए उन्होंने तलाब का जल उनके ऊपर छिड़का, जिनकी कुछ बूंदें शिवलिंग पर जा गिरी। ऐसा करते समय उनका एक तीर नीचे गिर गया जिसे उठाने के लिए वह शिवलिंग के सामने झुक गए। इस तरह शिवरात्रि के दिन शिव पूजन की पूरी प्रक्रिया उन्होंने अनजाने में ही पूरी कर ली।

मृत्यु के बाद जब यमदूत उन्हें लेने आए तो शिव के गणों ने उनकी रक्षा की और उन्हें भगा दिया।  इस प्रकार से तभी से शिवरात्रि के दिन महाशिवरात्रि की कथा को किया जाता है और इसे सुनना बहुत ही आवश्यक माना जाता है।  महाशिवरात्रि के दिन शिवरात्रि की कथा सुनने से जीवन में बहुत लाभ मिलता है।

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