Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में कन्या पूजन का बहुत ही अधिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में किए गए व्रत का फल तबतक नहीं मिलता है जबतक आप नवरात्रि में कन्या पूजन नहीं करते हैं। बिना कन्या पूजन के नवरात्र व्रत अधूरी मानी जाती है।
कन्या पूजन का महत्व नवरात्र में बहुत ही अधिक है। कन्याओं को माता दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजना चाहिए। इस साल अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर को और नवमी तिथि 23 अक्टूबर को है। नवरात्रि में नवमी तिथि को बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
नवरात्र में नवमी के दिन हवन और कन्या पूजन करने का विधान है। जो लोग पूरे 9 दिनों तक व्रत रखते हैं, वे हवन पूजन और कन्या पूजन के बाद ही अपने व्रत का पारण करते हैं। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में नवमी को कन्या पूजन कैसे करें?
नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे करें?
धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन के बिना माँ दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के 9 दिनों में किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है। लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
मान्यता है कि 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करना अति पुण्यदायक होता है। कन्याओं के साथ एक बालक की भी पूजा होती है। बालक की पूजा भैरों बाबा के रूप में की जाती है। 9 कन्याओं और एक बालक की पूजा करना शुभ माना जाता है।
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कन्या पूजन विधि
1- कन्या पूजन के लिए एक दिन पहले ही कन्याओं को आमंत्रित करें।
2- सभी कन्याओं के पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं।
3- इसके बाद कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
4- सभी कन्याओं को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं।
5- श्रद्धा अनुसार कन्याओं को चुनरी भी ओढ़ा सकते हैं।
6- सभी कन्याओं को भोजन कराएं और दक्षिणा या उपहार दें।
7- फिर सभी कन्याओं का पांव छूकर आशीर्वाद लें।
8- कन्या पूजन के बाद माता रानी का ध्यान करें और क्षमा प्रार्थना करें।
डिस्क्लेमर – इस जानकारी की स्टीकता पर हम दावा नहीं करते। यह जानकारी धार्मिक और लोक मान्यताओं पर आधारित है।



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