Indira Ekadashi Vrat: इंदिरा एकादशी व्रत कब है? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Indira Ekadashi Vrat - Katha and Puja Vidhi
Indira Ekadashi Vrat - Katha and Puja Vidhi

Indira Ekadashi Vrat 2023: एक साल में 24 एकादशी होती है। अधिकमास होने की वजह से साल में 26 एकादशी हो जाती है। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस एकादशी का महत्व इसलिए ज्यादा हो जाता है क्योंकि इसे पितृ पक्ष में आती है। आइए जानते हैं कि इंदिरा एकादशी व्रत कब है और इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है?

Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

कब है इंदिरा एकादशी? Indira Ekadashi Vrat

  • 10 अक्टूबर 2023 मंगलवार को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 
  • एकादशी तिथि प्रारंभ – 9 अक्टूबर 2023 को दोपहर 12.36 से
  • एकादशी तिथि समाप्त – 10 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03.08 पर
यह भी पढ़ें -   Holi Festival: अगर आप कर रहें हैं होली की तैयारी तो ये खबर आपके लिए है...

Indira Ekadashi Vrat: अश्विन माह में इंदिरा एकादशी मनाया जाता है। पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसी माह में पापांकुशा एकादशी भी होती है। पापांकुशा एकादशी करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में अपार धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति इस एकादशी को करता है, वह जीवन में कभी भी संकटों का सामना नहीं करता है। उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इंदिरा एकादशी व्रत का विधिवत रूप से पूरा करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और वे नया जीवन प्राप्त करते हैं।

यह भी पढ़ें -   Malmas 2023 Date: मलमास कब से शुरू होगा और कब खत्म होगा? जानें तिथि और महत्व

इंदिरा एकादशी पूजन विधि

अश्विन माह के कृष्ण दशमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर श्रद्धापूर्वक स्नान करना चाहिए। इसके बाद पितरों का श्राद्ध करके भोजन करना चाहिए। 

अगले दिन सुबह एकादशी के दिन स्नानादि करके व्रत के नियमों को ग्रहण करते हुए प्रतिज्ञा करना चाहिए कि मैं आज संपूर्ण भोगों का त्याग करके निराहार एकादशी व्रत करूंगा।

इसके बाद व्रत में पूजन के लिए शालिग्राम की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए। फिर से उसे पंचामृत से स्नान करवाएं। इसके बाद प्रार्थना करें – ‘हे अच्युत! हे पुंडरीकाक्ष! मैं आपकी शरण में हूं, आप मेरी रक्षा कीजिए, मेरी पूजा स्वीकार करें।’

यह भी पढ़ें -   Hast Rekha Shastra: यदि आपके हाथ में भी है V का निशान तो जीवन में नहीं होगी कभी धन की कमी

इसके बाद भगवान को भोग लगाएं। पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें। फिर ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।

फिर इंदिरा एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुने। रात्रि जागरण करके व्रत को पूर्ण करें और अगले दिन व्रत का पारण करें।

Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।