रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है? जानिए राखी के त्योहार से जुड़ी बातें

रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का त्योहार

रक्षाबंधन हर साल सावन के पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन भाई के कलाई पर राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देता है। लेकिन क्या आपको पता है कि रक्षाबंधन यानि राखी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि क्यों मनाया जाता है राखी का त्यौहार –

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सदियों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक बहन भाई के कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है और भाई बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। पुराने समय में भाई को राखी बांधने से पहले तुलसी और नीम के वृक्ष को भी राखी बांधने की परंपरा थी जिसे वृक्ष बंधन भी कहा जाता था, हालांकि अब ये प्रचलन में नहीं है।

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पौराणिक कहावतों के मुताबिक

पौराणिक कथाओं में भविष्य पुराण के अनुसार, ऐसा कहा गया है कि देव गुरु बृहस्पति ने देवस के राजा इंद्र को व्रित्रा असुर के खिलाफ लड़ाई पर जाने से पहले अपनी पत्नी से रक्षा सूत्र बंधवाने का सुझाव दिया था। इसलिए इंद्र की पत्नी शचि ने उन्हें रक्षा सूत्र बांधी थी।

इसके आलावा रक्षाबंधन समुद्र के देवता वरूण की पूजा करने के लिए भी मनाया जाता है। आमतौर पर मछुआरे वरूण देवता को नारियल का प्रसाद और राखी अर्पित करके ये त्योहार मनाते हैं। यही कारण है कि इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है।

महाभारत युग के मुताबिक

ऐसा कहा जाता है कि महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था। उसी दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा। तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। इसके बदले में भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी की रक्षा का वचन दिया था। यही कारण है कि आज भी जिन बहनों के भाई नहीं होते वो लड्डू गोपाल को राखी बांधती हैं।

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एक और कथा के मुताबिक

ऐसा माना जाता है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को राखी भिजवाते हुए बहादुर शाह से रक्षा मांगी थी जो उनका राज्य हड़प रहा था। अलग धर्म होने के बावजूद हुमायूं ने कर्णावती की रक्षा का वचन दिया था।

रक्षा के धागे का संदेश

राखी का धागा प्रेम और सैहार्द का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि एक बहन अपने भाई से दूर होते हुए भी उसे राखी और टिका के लिए कुछ चावल और रोली भिजवाती है, जिसे पाकर भाई बेहद खुश होता है।

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कब है राखी और क्या है शुभ महूर्त

3 अगस्त को सुबह 9.28 बजे के बाद किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। वैसे रक्षाबंधन का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01.48 बजे से शाम 04.29 बजे तक रहेगा। दूसरे शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये शाम 07.10 बजे से रात 09.17 बजे तक रहेगा।

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