जहाँ तुमसे है माँ…

where-are-you-mother

पुष्पांजलि शर्मा।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

तुम साथ हो तो माँ… कुदरत भी साथ है,
तुम्हारे बिना दिन भी रात है…

Follow us on Google News

तुमसे दूर भी जाऊँ तो तुम्हारा साया मेरे साथ है…
मेरे लिए मेरी माँ… तू ही सारी कायनात है…

Follow WhatsApp Channel Follow Now

हर गलती को तुमने हंस कर कबूल किया…
मेरी नादानियों को भुला तूने, अपनी ममता का छांव दिया…

दिन-रात पालन-पोषण कर तूने हमें बड़ा किया…
परिस्थितियों में जब घिरने लगी… तूने सहारा दे मुझे खड़ा किया…

तेरे दामन में वफाओं के फूल हैं…
ममता की छाव तले तेरे क़दमों की धूल है…

ये कामयाबी इज्जत सब नाम तुमसे है…
ईश्वर ने जो भी दिया मुझे, वो मुकाम तुमसे है…

Follow WhatsApp Channel Follow Now

यह भी पढ़ें -   मैं भी इंसान हूं, मुझे भी जीने दो...

यह भी पढ़ें:-

चंपारण आंदोलन का मूल अर्थ क्या था? गांधी जी के इस सत्याग्रह का ‘महात्मा’ से है गहरा संबंध

1857 का सैनिक विद्रोह जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला कर रख दी

वो…वो लड़की बहुत बड़ी हो गई…


मोबाइल पर भी अपनी पसंदीदा खबरें पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्विटरगूगल प्लस पर फॉलो करें

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Follow WhatsApp Channel Follow Now