तुम साथ हो तो माँ… कुदरत भी साथ है,
तुम्हारे बिना दिन भी रात है…
तुमसे दूर भी जाऊँ तो तुम्हारा साया मेरे साथ है…
मेरे लिए मेरी माँ… तू ही सारी कायनात है…
हर गलती को तुमने हंस कर कबूल किया…
मेरी नादानियों को भुला तूने, अपनी ममता का छांव दिया…
दिन-रात पालन-पोषण कर तूने हमें बड़ा किया…
परिस्थितियों में जब घिरने लगी… तूने सहारा दे मुझे खड़ा किया…
तेरे दामन में वफाओं के फूल हैं…
ममता की छाव तले तेरे क़दमों की धूल है…
ये कामयाबी इज्जत सब नाम तुमसे है…
ईश्वर ने जो भी दिया मुझे, वो मुकाम तुमसे है…
यह भी पढ़ें:-
चंपारण आंदोलन का मूल अर्थ क्या था? गांधी जी के इस सत्याग्रह का ‘महात्मा’ से है गहरा संबंध
1857 का सैनिक विद्रोह जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला कर रख दी
मोबाइल पर भी अपनी पसंदीदा खबरें पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्विटर, गूगल प्लस पर फॉलो करें
देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।