Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप, कोई भी इच्छा हो, माँ करेंगी पूरी

नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के 9 दिनों में माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के द्वारा कई तरीके अपनाए जाते हैं। लेकिन नवरात्र में माँ दुर्गा के मंत्रों का खास महत्व है। इन मंत्रों के जाप से कई प्रकार की सिद्धियाँ भी मिलती हैं। यदि माता अपने भक्तों की सेवा से प्रसन्न होती हैं तो भक्तों की झोली खुशियों से भर देती हैं।

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नवरात्र के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पूजा के साथ-साथ माता के नौ रूपों के मंत्रों का जाप भी किया जाता है। पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप भक्तों के लिए कल्याणकारी माना जाता है। आइए जानते हैं माँ दुर्गा के 9 स्वरूप के बीज मंत्रों के बारे में।

शारदीय नवरात्रि में साधना
शारदीय नवरात्रि में साधना

नवरात्र में करें इन मंत्रों का जाप

पहला दिन- नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता शैलपुत्री की उपासना में दुर्गा सप्तशती का पाठ बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन माँ शैलपुत्री का ध्यान करना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।

माँ शैलपुत्री का बीज मंत्र – ॐ शैलपुत्र्यै नमः

दूसरा दिन- नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन भी दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां भगवती का ध्यान करते हुए देवी भागवत के तृतीय स्कंध से लेकर चतुर्थ स्कंध के अष्टम अध्याय तक पाठ करना चाहिए। इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

माँ ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र – ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः

तीसरा दिन- नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का भी पाठ किया जाता है। इस दिन देवी भागवत के चतुर्थ स्कंध के नवमें अध्याय से आरंभ करते हुए पंचम स्कंध के 18वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए। इसके बाद मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र – ॐ चंद्रघण्टायै नमः

चौथा दिन- नवरात्रि के चौथे दिन माता दुर्गा के कूष्माण्डा स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां कुष्मांडा का ध्यान करते हुए देवी भागवत का पाठ करना चाहिए। इस दिन पंचम स्कंध के 19वें अध्याय से लेकर छठवें स्कंध के 18वें अध्याय तक पाठ किया जाता है। इसके बाद मां कुष्मांडा के बीच मंत्र का जाप करना चाहिए।

माँ कुष्मांडा का बीज मंत्र – ॐ कूष्माण्डायै नमः

पांचवा दिन- नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन मां भगवती की आरती करने के बाद मां स्कंदमाता का ध्यान करना चाहिए और उनके बीच मंत्र का जाप करना चाहिए।

Indira Ekadashi Vrat - Katha and Puja Vidhi
Indira Ekadashi Vrat – Katha and Puja Vidhi

माँ स्कंदमाता का बीज मंत्र – ॐ स्कन्दमात्रै नमः

छठा दिन- नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की उपासना की जाती है। मां कात्यायनी देवी का ध्यान करने के बाद देवी भागवत के सातवें स्कंद के 19वें अध्याय से लेकर आठवें स्कंध के 17वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए।

माँ कात्यायनी का बीज मंत्र – ॐ कात्यायन्यै नमः

सातवां दिन- शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सबसे शक्तिशाली स्वरुप कालरात्रि की पूजा की जाती है।  इस दिन माता काली की विधिवत आराधना की जाती है। भगवती दुर्गा की सबसे शक्तिशाली स्वरुप माँ काली की उपासना के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। इस दिन देवी भागवत के आठवें स्कंध के 18वें अध्याय से आरंभ करते हुए नवमें स्कंध के 28वें अध्याय तक पाठ करना चाहिए।

माँ कालरात्रि का बीज मंत्र – ॐ कालरात्र्यै नमः

आठवां दिन- नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन देवी भागवत के 9वें स्कंध के 19वें अध्याय से आरंभ करते हुए 10वें स्कंध की समाप्ति तक पाठ किया जाता है।

माँ महागौरी का बीज मंत्र – ॐ महागौर्ये नम:

नौवां दिन- नवरात्रि के नौवे दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन देवी भागवत के 11वें स्कंध के प्रथम अध्याय से आरंभ करते हुए 12वें स्कंद की समाप्ति तक पाठ करना चाहिए। अंतिम दिन पाठ समाप्त होने के बाद हवन करना चाहिए।

मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र – ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः

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