जोधपुर। बहुचर्चित नाबालिग रेप केस मामले में आसाराम की सहयोगी शिल्पी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने शिल्पी की 20 साल की सजा को स्थगित कर दिया। कोर्ट ने शिल्पी को जमानत पर रिहा करने आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद शिल्पी के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
न्यायाधीश विजय विश्नोई ने शिल्फी की सजा को स्थगित करते हुए रिहा करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद कानून के जानकारों का कहना है कि अब आसाराम को भी राहत मिलने की उम्मीद है।
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आसाराम की सहयोगी शिल्पी को आईपीसी की धारा 109, 120 बी, पोक्सो की धारा 17 और जेजे कानून की धारा 23 के तहत 20 साल की सजा दी गई थी। शिल्पी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा ने पक्ष रखा। जबकि पीड़िता की तरफ से पीसी सोलंकी अदालत के सामने पक्ष रखा था।
बता दें कि आसाराम प्रकरण में आसाराम की सहयोगी शिल्पी और शरद को दोषी करार देते हुए ट्रायल कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को दोनों को 20-20 साल की सजा सुनाई थी।
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इसी मामले में आसाराम को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी। शिल्पी ने अपनी सजा के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की थी। शिल्पी की सजा स्थगित होने के बाद इस मामले में एक अन्य आरोपी शरद की रिहाई का भी रास्ता साफ हो गया है। हालांकि मुख्य आरोपी आसाराम को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
आसाराम ने अनपी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में 12 बार अर्जी लगाई थी, लेकिन मामले में आसाराम को राहत नहीं मिली। ऐसी स्थिति में आसाराम को राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रहा है। बता दें कि आसाराम मामले में कोर्ट के अंदर लंबी सुनवाई के बाद आसाराम और उनके सहयोगियों को सजा सुनाई गई थी।
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