पटना। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर में छह महीने पहले ही बड़े बेटे की शादी धूमधाम से हुई थी। शादी में यादव परिवार के सभी सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इस हाई प्रोफाइल शादी में कई बड़े नेता भी शामिल हुए थे। दोनों की शादी 12 मई 2018 को पटना में हुई थी। हालांकि फिलहाल दोनों के बीच टकराव की खबरें हैं। तेजप्रताप घर से दूर मंदिरों में भटक रहे हैं और पत्नी से तलाक चाहते हैं।
दोनों के बीच कड़वाहट की बातें तलाक की खबरें सामने आने के बाद पता चला। बता दें कि तलाक के लिए तेजप्रताप ने 2 नवंबर को कोर्ट में अर्जी दे रखी है। तेजप्रताप का कहना है कि वह तालाक चाहते हैं लेकिन उनकी पत्नी और परिवार ऐसा नहीं चाहता। हालांकि अभी तक इस मामले में पत्नी ऐश्वर्या को कोई बयान सामने नहीं आया है।
अब सवाल यह है कि क्या तेजप्रताप अपनी पत्नी से तलाक ले पाएंगे? अभी तक पत्नी की तरफ से तलाक के लिए कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में क्या विकल्प बचते हैं तलाक के लिए?
बीबीसी में छपी खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में फैमिली लॉयर प्राची सिंह बताती हैं कि तलाक़ से जुड़े सभी मामले फैमिली कोर्ट में जाते हैं।अगर मुक़दमे के बीच में कोई आपराधिक आरोप लगता है जैसे दहेज, घरेलू हिंसा आदि तब पुलिस में शिकायत दर्ज होती है। तलाक़ दो तरह से लिया जाता है एक सहमति से और दूसरा एक पक्षीय तरीके से। हिंदू विवाह कानून की धारा 13ए के तहत पति या पत्नी में से कोई एक तलाक़ मांग सकता है और 13बी के तहत सहमति से तलाक़ होता है।
तलाक के लिए भारतीय संविधान में कई आधार दिये गए हैं। जिसमें व्याभिचार (शादी के बाहर संबंध रखना) क्रूरता (शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना) परित्याग ( पति-पत्नी का कम से कम दो साल के लिए अलग रहना) मानसिक विकार (कोई साथी मानसिक विकार से ग्रस्त हो) संक्रमित बिमारी (यदि पति या पत्नी को कोई संक्रमित बिमारी हो) धर्म परिवर्तन, सन्यांस (पति या पत्नी अगर संन्यास ले ले) जीवित नहीं रहने की स्थिति में। इन सभी मामलों में कोई भी मामले में तलाक लिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के मेट्रोमोनी वकील मुरारी तिवारी के मुताबिक- शादी के एक साल के भीतर तलाक की अर्जी दाखिल नहीं की जा सकती। हालांकि इसमें कुछ आधारों पर छूट भी दी गई है। तेजप्रताप के मामले में पहले उन्हें कोर्ट ने इजाजत लेनी होगी कि वह एक साल के भीतर अर्जी दाखिल कर सकते हैं कि नहीं। इसके लिए उन्हें अत्यंत क्रूरता साबित करनी होगी तभी कोर्ट उन्हें इजाज़त देगा।
चूकिं तेजप्रताप के मामले में तलाक एक पक्षीय है इसलिए यहां पर तेजप्रताप को तलाक के लिए जरूरी कागजात और साक्ष्यों को कोर्ट में उपलब्ध करवाना होगा। इस कंडीशन में पत्नी या तो तलाक को सहमति देगी या फिर विरोध करेगी। फिर पत्नी भी साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष मजबूत करेगी। इस तरह के मामलों में फैसला आने में सालों लग जाते हैं।
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