पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले (Chara Ghotala) के केस में सजा काट रहे हैं। अब चारा घोटाले में नया खुलासा हुआ है। इस बार मामला है भैंस की सींग को लेकर। चारा घोटाले के इस रहस्य पर से पर्दा उठाया है राज्य सरकार ने। राज्य सरकार के मुताबिक, साल 1990-91 से 1995-96 तक पांच साल के दौरान भैंस की सींग की मालिश कि नाम पर 16 लाख रुपये का सरसों तेल खरीदा गया था।
गौरतलब है कि चारा घोटाला उस समय की सबसे चर्चित और बड़ा घोटाला माना जाता है। इस घोटाले के कुछ मामलों में लालू यादव को सजा मिली है और वे रांची में जेल की सजा काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सब होटवार दुग्ध आपूर्ति सह डेयरी फार्म के महाप्रबंधक डॉ जेनुअल भेंगराज तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। इस खरीद के लिए फर्जी बिल बनवाया गया था।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने विधानसभा में बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक 2019 को पेश करने के दौरान कहा कि अत्यधिक व्यय या आवश्यकता को बजट के माध्यम से लिया जाता है, लालू प्रसाद यादव की तत्कालीन सरकार ने इस प्रक्रिया की अनदेखी की। उस दौरान फर्जी बिलों के माध्यम से बजटीय आवंटन से अधिक निकासी कर ली गई।
विदित हो कि अविभाजित बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार के दौरान बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ था। जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जी बिल बनाकर अधिक निकासी की गई थी। इस घोटाले में सबसे मजेदार बात यह थी कि भैंसों को स्कूटर और कार पर ढोने का जिक्र कागजों में किया गया था।



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