कोलकाता। आंध्र प्रदेश सरकार के सीबीआई को लेकर नए निर्णय के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी सीबीआई का रास्ता राज्य के लिए बंद कर दिया है। अब पश्चिम बंगाल में प्रवेश के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। ममता सरकार ने सीबीआई को दो गई रजामंदी को वापस ले लिया है। बता दें कि इससे पहले ममता सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार के निर्णय का समर्थन भी किया था।
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आंध्र प्रदेश में सीबीआई का रास्ता रोके जाने को ममता बनर्जी ने सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए और बदला लेने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। पश्चिम बंगाल में ताजा निर्णय के बाद सीबीआई अब कोई भी जांच बिना राज्य सरकार के अनुमति के नहीं कर पाएगी। किसी भी संभावित जांच के लिए सीबीआई और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों को राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।
आंध्र प्रदेश में बंद हुआ सीबीआई के लिए दरवाजा, लेनी होगी राज्य सरकार से अनुमति
ममता बनर्जी सरकार ने शुक्रवार को सीबीआई को सूबे किसी भी प्रकार की जांच और छापे के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस ले ली। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 1989 में सीबीआई को राज्य में जांच और छापे मारने के लिए सामान्य रजामंदी दी थी। राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, शुक्रवार की अधिसूचना के बाद सीबीआई को अब से अदालत के आदेश के अलावा अन्य मामलों में किसी तरह की जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।
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बता दें कि सीबीआई एक जांच एजेंसी है और यह दिल्ली पुलिस विशेष प्रतिष्ठान कानून के तहत काम करती है। जांच एजेंसी को देश में किसी भी राज्य में बिना रोक-टोक के जांच करने और छापे मारने का अधिकार है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सीबीआई की कार्यशैली को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सीबीआई पर केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लग चुका है।
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