नई दिल्ली। अगस्त के पहले हफ्ते से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। काफी लंबे समय के मशक्कत के बाद ये तय हो गया है कि राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को किया जाएगा। जैसा कि लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम नरेंद्र मोदी ही राम मंदिर भूमि पूजन करेंगे और अब ये दिन जल्द ही आने वाला है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर भूमि पूजन के इस कार्यक्रम में सीमित लोग ही शामिल हो पाएंगे। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई थी। चूंकि 5 अगस्त को पूर्णिमा पड़ रहा है, इसलिए इसी दिन भूमि पूजन किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अगर परिस्थितियां बनाई गई प्रक्रिया के अनुसार रहीं तो तीन से साढ़े तीन साल के अंदर राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है। धन संग्रह और बाकी की ड्रॉइंग तैयार कर ली गई है। इसके हिसाब से हम मान सकते हैं राम मंदिर का कार्य तीन से साढ़े तीन साल में पूर्ण कर लिया जाएगा।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को बैठक हुई। पीएम के कार्यक्रम पर चर्चा के साथ-साथ मंदिर का नक्शा बदलने पर भी फैसला हुआ। ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि मंदिर में 3 की जगह 5 गुंबद होंगे। मंदिर की ऊंचाई भी प्रस्तावित नक्शे से अब ज्यादा होगी।
बता दें कि लंबे समय से चली आ रही अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निपटारा किया जा चुका है। कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण के लिए बोर्ड का गठन किया गया। मंदिर निर्माण के लिए देशभर के अलग-अलग मंदिरों, धार्मिक स्थलों से धन दिया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की खुदाई में विवादित स्थल पर पूर्ण में हिंदू ढाँचा होने का जिक्र किया गया था।
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