अभिनेता से राजनेता बने रवि किशन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। जिस तरह बॉलीवुड में अभिताभ बच्चन को महानायक कहा जाता है। इसी तरह रवि किशन को भोजपुरी सिनेमा का शहंशाह कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोग होंगे जो इनकी पर्सनल लाइफ के बारे में जानते होंगे तो आइए आज हम अभिनेता से राजनेता रवि किशन के पर्सनल लाइफ के बारे में जानते हैं।
रवि किशन के जन्म से जुड़ी बातें
रवि किशन का जन्म 17 जुलाई 1971 को उत्तर-प्रदेश के जौनपुर जिले के बिसुईं गांव में हुआ था। लोग इन्हें रवि किशन के नाम से जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इनका पूरा नाम रवि किशन शुक्ला है। एक अभिनेता से राजनेता बने रवि किशन बेहद ही गरीब ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। रवि किशन ने अपनी पढ़ाई गांव में ही रहकर पूरा किया।
एक समय था जब रवि किशन के पास एक वक्त खाने के भी पैसे नहीं थे। ऐसा उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता जी डेयरी का बिजनेस करते थे। लेकिन वह किसी कारणवश बंद हो गया। इसलिए उनके पिताजी चाहते थे कि मैं उसे दोबारा शुरू करूं। लेकिन रवि किशन को तो एक्टिंग का शौक था।
1990 के दौर में मुंबई से की करियर की शुरूआत
रवि किशन को एक्टिंग का इतना शौक था कि मुंबई आने से पहले वो गांव में ही रामलीला में सीता का रोल किया करते थे। हालांकि, उनके पिता को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि पुरुष होकर एक महिला की भूमिका अदा करें। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि इसके लिए उनके पिता ने एक बार उनकी बेल्ट से पिटाई भी की थी और कहा था कि नचनिया बन रहे हो क्या?
मां से 500 रूपए लेकर गांव से शहर पहुंचे
रवि किशन अपने एक इंटरव्यू में कहते हैं कि मुझे शुरू से ही एक्टिंग का इतना शौक था कि जब कोई रास्ता नजर नहीं आया तो ”एक दिन मां ने हमें 500 रुपए दिए और कहा कि “जान बचाकर घर से भाग जा।” इसके बाद रवि साल 1990 में गांव छोड़कर मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद रवि किशन ने करियर की शुरुआत में काफी संघर्ष किया। अनजान शहर, घर से मीलों दूर मायानगरी मुंबई में रवि किशन को दो वक्त की रोटी कमाने के लिए रोज काम की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता। रवि किशन ने कहा कि कई रात तो उन्हें भूखे भी सोना पड़ा था।
यहां से शुरू हुई फिल्मी सफर
रवि किशन ने 1990 में घर छोड़ा लेकिन काफी प्रयास के बाद उन्हें साल 1991 में फिल्म ‘पीतांबर’ में काम करने का मौका मिला। रवि की यह पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। इसके बाद रवि किशन ने 1996 में शाहरुख खान की फिल्म ‘आर्मी’ में भी काम किया। इस फिल्म से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली और रवि किशन ने भोजपुरी दुनिया में कदम रखा।
रवि किशन ने उसके बाद कई फिल्में कीं लेकिन उन्हें जिस पहचान की तलाश थी वो पहचान साल 2003 में सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ से मिली। वहीं अगर बात अबतक के सफर की करें तो आज के समय में अभिनेता रवि किशन बॉलीवुड और टॉलीवुड की तमाम फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। यही नहीं अभिनेता रवि किशन रियलिटी शो बिग-बॉस सीजन-6 में भी बतौर प्रतिभागी नजर आ चुके हैं। बता दें कि राजनेता बनने के बाद भी वह इस समय एक फिल्म के लिए 50 लाख रुपए फीस चार्ज करते हैं।
11वीं क्लास में रवि किशन को प्रीति से पहली बार प्यार हुआ, फिर रचाई शादी
रवि किशन की पत्नी का नाम प्रीति है। प्रीति से रवि की मुलाकात 11वीं क्लास में हुई थी। लंबे समय तक प्यार में रहने के बाद रवि किशन ने साल 1996 में प्रीति से शादी कर ली। उनकी पत्नी प्रीति की बात करें तो वह बेहद सिंपल बैकग्राउंड से ताल्लुक रखती हैं। रवि किशन के करियर के संघर्ष के दिनों में पूरे वक्त में प्रीति रवि के साथ ही रहीं।
रवि महिलाओं के हमेशा करीबी रहे
रवि किशन ने 2013 के अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह महिलाओं के हमेशा से करीबी रहे हैं। चाहे वह उनकी मां हो या उनकी पत्नी हो या फिर उनकी बेटी। शादी के बाद रवि के परिवार की बात करें तो रवि और प्रीति के चार बच्चे हैं। दोनों की तीन बेटियाँ और एक बेटा है। इनकी एक बेटी रीवा किशन बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म ‘सब कुशल मंगल’ के जरिए डेब्यू कर चुकी हैं।
ऐसे बने अभिनेता से भाजपा सांसद
बात इनकी राजनीति करियर की करें तो अभिनेता रवि किशन ने साल 2019 को लोकसभा चुनाव में कदम रखने के साथ राजनीति की दुनिया में कदम रखा। वे यूपी के गोरखपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की।



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