नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर ने बेंगलुरु से सबसे बड़ा स्टार्ट-अप शहर (Delhi start up center) होने का तमगा छीन लिया है। अब स्टार्ट-अप का सबसे बड़ा केंद्र है (Delhi start up center) दिल्ली-एनसीआर। दिल्ली-एनसीआर ने संख्या के लिहाज से बेंगलुरु को स्टार्ट-अप के मामले में पीछे छोड़ दिया है।
दिल्ली में न सिर्फ सबसे ज्यादा स्टार्ट-अप कंपनियां हैं बल्कि दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न कंपनियां भी हैं। दिल्ली-एनसीआर में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 10 है, जबकि बेंगलुरु में 9। दिल्ली-एनसीआर की दस यूनिकॉर्न कंपनियां इस तरह हैं।
- ओयो रुम्स
- पेटीएम
- डेल्हीवरी
- हाइक
- रिविजो
- जौमैटो
- पॉलिसी बाजार
- स्नैपडील
- रीन्यू पावर
- पेटीएम मॉल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्यादा वैल्यूएबल लिस्टेड इंटरनेट कंपनियों में से 75 फीसदी दिल्ली-एनसीआर में ही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में (पिछले 10 सालों में) 7,039 सक्रिय स्टार्ट-अप हैं, जबकि बेंगलुरु में ऐसे स्टार्ट-अप 5,234 हैं। तीसरे स्थान पर ऐसे 3,829 स्टार्ट-अप के साथ मुंबई का नंबर आता है।
हैदराबाद, चेन्नई और पुणे में 2000 से भी कम स्टार्ट-अप कंपनियां हैं। वहीं एनसीआर में सबसे ज्यादा 4,491 कंपनियां दिल्ली में हैं। नोएडा में 1004 कंपनियां जबकि गुड़गांव में 1,544 कंपनियां हैं। भारतीय स्टार्ट-अप के कुल बाजार पूंजी का 50 फीसदी हिस्सी दिल्ली-एनसीआर में है।
एनसीआर में स्टार्ट-अप का कुल वैल्यूएशन 46-56 अरब डॉलर है। बेंगरलुरु और मुंबई में क्रमश: 32-37 और 10-12 अरब डॉलर है। हालांकि बीते सालों में स्टार्टअप की संख्या में गिरावट आई है। 2015 में 1,657 स्टार्ट-अप कंपनियां रजिस्टर की गई थी। वहीं 2018 में यह संख्या मात्र 420 रह गई है।
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