पुराणों के अनुसार भगवान शिव की अराधना के लिए सोमवार का दिन ही शुभ माना गया है। भगवान भोलेनाथ का नाम की तरह ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनको भोला माना गया है। कहा जाता है कि सावन में भगवान शिवजी का व्रत और अराधना अगर कोई मनुष्य करता है तो उसे धन-धान्य के साथ मन अनुसार जीवनसाथी की प्राप्ति भी होती है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि शिव भक्ति के लिए सोमवार का दिन ही क्यों शुभ माना गया है? अर्थात सोमवार को ही क्यों भगवान शिव की अराधना और व्रत किया जाता है? आइए जानते हैं इसके पीछे क्या मान्यता है?
चंद्रमा से भगवान शिव का तालुक
चंद्रमा का दूसरा नाम सोम है जिसे भगवान भोलेनाथ ने अपने मस्तक पर धारण किया हुआ है। यही कारण है कि सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है। न केवल सावन में बल्कि हर सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखा जाता है।
सोम का दूसरा अर्थ है सौम्य। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को सौम्य देवता के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि उनकी सरलता और सहजता के कारण ही उनके भक्त उन्हें भोलेनाथ कहकर बुलाते हैं।
सोम का तीसरा अर्थ होता है सोमरस। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमरस का सेवन देवताओं के द्वारा किया जाता है। जिसका सेवन करने से उन्हें आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए सोमरस को अमृत के सामान समझा जाता है। इसी प्रकार भगवान शिव मनुष्य के लिए कल्याणकारी बने रहें इसलिए सोमवार को भगवान भोलेनाथ की अराधना की जाती है।
इस प्रकार करें सोमवार को भगवान शिव की पूजा
सावन के सोमवार को भगवान शिव के शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, सफेद फूल, सफेद चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। ऐसा माना गया है कि सावन के सोमवार के दिन बेलपत्र पर सफेद चंदन से राम का नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा वर प्रदान करते हैं।
सावन के सोमवार को व्रत करने के लाभ
1. सोमवार का व्रत कुंवारे लड़के और लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए रखते हैं।
2. सावन का सोमवार वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों को दूर करने के लिए भी रखा जाता है।
3. सोमवार का व्रत रखने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु और दुर्घटना से मुक्ति मिलती है।
4. इस व्रत को करने से रोगियों के रोग दूर होकर निरोग काया का वरदान मिलता है।
5. संतान की चाह रखने वाले जोड़े को सावन में शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
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