डेस्क। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है? क्यों आता है कार्डियक अरेस्ट? कार्डियक अरेस्ट में शरीर की तरफ से किसी भी प्रकार की चेतावनी नहीं मिलती है। यह अचानक ही होता है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत का कारण भी अरेस्ट ही था। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही बीमारी हृदय से संबंधित होता है। हालांकि दोनों बीमारियों के बीच काफी अंतर होता है। आईए जानते हैं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है?
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट भी हृदय से जुड़ी बीमारी है। यह अचानक होता है। इसमें दिल की इलेक्ट्रिकल फंक्शन में गड़बड़ी हो जाती है। इससे दिल की धड़कन का तालमेल बिगड़ जाता है। दिल का पम्प सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और शरीर के कई हिस्सों में खून की कमी हो जाती है।
अरेस्ट आने से मनुष्य चंद सेकंड के अंदर ही बेहोश हो जाता है। सही समय पर इलाज मिलने में देरी से इंसान की सेकेंड या मिनटों में मौत हो सकती है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के अनुसार, दिल में इलेक्ट्रिकल सिग्नल में दिक्कत होने से शरीर में खून नहीं पहुंच पाता है। जब इंसान का शरीर रक्त को पम्प करना बंद कर देता है। इससे दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने से इंसान बेहोश हो जाता है। सांस लेने में दिक्कतें होने लगती है और इंसान धीरे-धीरे मौत के नजदीक पहुंचने लगता है। इस बीमारी की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि इसमें पहले से ही कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है। यह अचानक होता है, इससे व्यक्ति की मौत का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
किसी भी व्यक्ति को इन बिमारियों की हालत में अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है-
- कोरोनरी हार्ट की बीमारी
- कार्डियोमायोपैथी
- हार्ट अटैक की बीमारी
- हार्ट वाल्व में समस्या
- कॉनजेनिटल हार्ट की बीमारी
- हार्ट मसल में इनफ्लेमेशन
- लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम जैसे डिसऑर्डर
इसके अलावा अन्य लक्षण भी हैं जो कार्डियक अरेस्ट की जोखिम को बढ़ा देता है।
- बिजली का झटका लगना
- जरूरत से ज्यादा ड्रग्स का सेवन करना
- हैमरेज की स्थिति में (इसमें खून का काफी नुकसान होता है)
- पानी में डूबना
क्या होता है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट में अलग होता है। कई लोग दोनों को एक ही बीमारी मान लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। हार्ट अटैक तब आता है जब शरीर में कोरोनरी आर्टिरी में थक्का जम जाता है और खून दिल की मांसपेशियों में नहीं पहुंच पाता है। हार्ट अटैक में छाती में बहुत तेज दर्द होता है। हालांकि शरीर के अन्य हिस्सों में खून का बहाव होने से व्यक्ति ऐसी स्थिति में होश में रह सकता है।
हार्ट अटैक के मामले में व्यक्ति को समय पर इलाज मिलने से उसे बचाने का समय बढ़ जाता है। कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन बंद हो जाती है जबकि हार्ट अटैक आने से ऐसा नहीं होता है। इसलिए हार्ट अटैक आने की सूरत में मरीज को बचाने की संभावना अधिक होती है। कई बार हार्ट अटैक की रिकवरी के दौरान भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है। इसलिए दोनों ही बीमारियाँ घातक हैं।
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