नई दिल्ली। चंद्रग्रहण के बाद इस साल का पहला सूर्यग्रहण 15 फरवरी को लग रहा है। ग्रहण का सूतक काल गुरुवार दोपहर से ही शुरू हो जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। सूतक काल में मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमा को छूना वर्जित माना गया है। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
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माना जाता है कि इस दौरान घर में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ग्रहण में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसी धारणा है कि इस समय ग्रहण के दौरान कुछ खतरनाथ किरणें निकलती हैं जो हमारे शरीर पर बुरा असर डालती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी ग्रहण के दौरान सूर्य से अल्फा और गामा किरणें निकलती है।
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इस काल में लोगों ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से मना किया जाता है। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारत में इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन ज्योतिषियों के मुताबिक, इसका असर राशियों पर जरूर पड़ेगा। यह ग्रहण 15 फरवरी की रात 12 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 16 फरवरी की सुबह चार बजे ग्रहण का मोक्ष होगा।
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