नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) सोसाइटी की बैठक में वैज्ञानिकों से अपील की है कि वे देश के सामने मौजूद कुपोषण जैसी वर्तमान सामाजिक समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने वैज्ञानिकों को भविष्य के लिए कई अन्य सुझाव भी दिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए वर्चुअल प्रयोगशालाएं विकसित करने की महत्ता पर बल दिया, ताकि विज्ञान को देश के हर कोने में प्रत्येक छात्र तक ले जाया जा सके। पीएम मोदी ने युवाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और भावी पीढ़ी में वैज्ञानिक सूझबूझ मजबूत करने की अपील की और कहा कि देश में कुपोषण जैसी मौजूदा समस्याओं पर फोकस कर वैज्ञानिक इस दिशा में आगे आएं।
प्रधानमंत्री ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे भारतीयों के बीच अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाने के संबंध में भी सुझाव दिए। मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे भारत की आकांक्षापूर्ण आवश्यकताओं पर काम करें। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर को कृषि उत्पादों और जल संरक्षण के क्षेत्र में उपयोगी अनुसंधान के जरिए ”भारत के सामने मौजूद कुपोषण जैसी वर्तमान सामाजिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैज्ञानिकों को जिन उभरती चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, उनमें 5जी वायरलेस तकनीक, कृत्रिम मेधा और नवीकरणीय ऊर्जा संचय के लिए किफायती एवं अधिक समय तक चलने वाली बैटरी शामिल है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि मोदी ने विश्वस्तरीय उत्पाद विकसित करने के लिए आधुनिक विज्ञान के साथ पारम्परिक ज्ञान को जोड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने नवोन्मेष के व्यावसायीकरण की भी बात की। मोदी ने सीएसआईआर में वैज्ञानिक समुदाय से आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम करने की अपील की।
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