नव वर्ष आया
जूलियस तेरा नव वर्ष आया
रोम का शासक पटु शहंशाह, सबके मन पर ऐसा छाया
हर जन ने है शोर मचाया
जूलियस तेरा नव वर्ष आया।
चारों तरफ अँधेरा छाया
घना कोहरा है गहराया
ठंड से ठिठुर रही वसुंधरा
रजनी ने आँसू लरजाया,
जूलियस तेरा नव वर्ष आया।
सर्द हैं रातें,सर्द विचारें,
गर्द रंग, बेपर्द हैं इंसा।
मन में मौज ले आई फौज है,
तन कठुआया, दिल हरषाया
जूलियस तेरा नव वर्ष आया।
तन पर बहुत आडम्बर ओढ़े,
लाभ-हानि घर बैठ है जोड़े
तमस बुभुक्षा, भ्रष्ट पिपासा
मधुशाला भी है गरमाया,
जूलियस तेरा नव वर्ष आया।
बबिता सिंह
हाजीपुर, वैशाली,बिहार
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