नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच पिछले 8 सप्ताह से जारी गतिरोध अब समाप्त होता नजर आ रहा है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को एक-दूसरे से फोन पर बातचीत की। बातचीत के बाद दोनों देश इस बात पर सहमत हुए है कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारत-चीन की सेनाएं तेजी से पीछे हटे।
बता दें कि चीनी सेना भारत के लद्दाख में गलवां घाटी में चालबाजी दिखाते हुए घुस आई थी। जिसके बाद भारतीय सेना ने इसका विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को वापस जाने को कहा था। चीनी सेना द्वारा बात नहीं मानने पर भारतीय सैनिक और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी। झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
सीमा पर बड़ी संख्या में जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीन के खिलाफ रोष फैल गया था। देश में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए भारत सरकार ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि चीन की यह करतूत सही नहीं है। सीमा पर हुए विवाद को शांत करने के लिए भारत और चीन के बीच कई स्तर पर बातचीत हुई। लेकिन चीन के अड़यल रवैये के चलते बात नहीं बन पाई थी।
जिसके बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की। बातचीत के बाद चीन सीमा पर से अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुआ।
बता दें कि भारत और चीन के बीच हजारों किलोमीटर की सीमा है। भारत मैकमोहन लाइन को अंतर्राष्ट्रीय बॉडर मानता है जबकि चीन मैकमोहन लाइन को अंतर्राष्ट्रीय बॉडर मानने से इंकार करता है। 1962 के युद्ध के बाद से ही चीन ने भारत के लद्दाख के पूर्वी भाग में हजारों किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है। जिसे अक्साई चिन के नाम से जाना जाता है।
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