नई दिल्ली। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जो ने कहा कि चीन भारत के साथ सीमा विवाद पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार करता है। चीन ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के समाधान के लिए उचित मानडंड और मैकेनिज्म हैं। दोनों देश आपसी विवाद को सुलझा सकते हैं।
चीन का बयान ऐसे समय में आया है कि जब चीन कोविड-19 महामारी के कारण पूरे विश्व में किरकिरी झेल रहा है। सीमा पर गतिरोध बढ़ने का कारण कई विशेषज्ञ चीन में शी की साख लग झटकों पर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया गया मानते हैं। हालांकि भारत को इस मामले में सतर्क रहने की भी सलाह दी गई है और चीन के साथ किसी भी संभावित संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले कुछ दिनों से गतिरोध चल रहा है। चीन भारतीय क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों का विरोध कर रहा है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि भारत अपने क्षेत्र में हो निर्माण कार्यों को जारी रखेगा।
हाल ही में भारत और चीन के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर मध्यस्तता करने को तैयार है। हालांकि चीन से पहले भारत ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
बता दें कि इससे पहले नेपाल ने भी भारत के कुछ हिस्सों को शामिल कर अपना क्षेत्र बताया था। नेपाल ने नया नक्शा बनाकर भारत के कुछ हिस्सों पर अपना हक जताया था। हालांकि भारत ने साफ कर दिया था कि इस प्रकार की कार्रवाई से नेपाल को बचना चाहिए।
भारत के रूख को देखते हुए अब नेपाल ने सीमा विवाद पर बातचीत की पेशकश की है। हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि कोई भी बातचीत से पहले नेपाल को विश्वास का माहौल बनाना होगा।



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