नई दिल्ली। भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा घुसपैठ के बाद भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ गया है। भारत की तरफ से इस कठिन परिस्थिति का डटकर मुकाबला करने का संकेत दिया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा हालात के मद्देनजर पहली बार देश के शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ बैठक की है। बैठक में लद्दाख सीमा पर भारत ने सड़क और आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य जारी रखने का फैसला किया है।
चीनी राष्ट्रपति का भड़काऊ बयानबाजी
उधर चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने भारत और चीन के बीच ताजा विवाद के बाद चीन की सेना को युद्ध की तैयारी तेज करने और देश की संप्रभुता की रक्षा करने की बात कही है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस बयान के बाद सीमा पर तनाव में और वृद्धि हुई है। शी चिनफिंग ने यह संबोधन मौजूदा संसदीय सत्र के दौरान सेना और पुलिस की संयुक्त दल के सामने किया। भारत भी मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए है और माकूल जवाब देने के लिए तैयार है।
भारतीय सैन्य कमांडरों की तीन दिवसीय कांफ्रेंस
भारत और चीन के बीच मौजूदा हालात के बीच सैन्य कमांडरों की बुधवार को तीन दिवसीय कांफ्रेंस की शुरुआत हो रही है। माना जा रहा है कि इस कांफ्रेंस में भारत के उत्तरी क्षेत्र के पूर्वी लद्दाख में चीन के कारण उत्पन्न हालात पर विशेष रूप से चर्चा होगी। सेना के प्रवक्ता अमन आनंद ने बताया कि इस कांफ्रेंस का पहला चरण 27 मई से 29 मई तक चलेगा। दूसरा चरण जून के अंतिम सप्ताह में होगा।
भारतीय क्षेत्र पर चीन के दावे ने तनाव बढ़ाया
भारतीय लद्दाख क्षेत्र के गलवां क्षेत्र पर चीन ने दावा किया है जबकि पूरा लद्दाख क्षेत्र ही भारत का हिस्सा है। लद्दाख का क्षेत्र जिसे अक्साई चिन के नाम से जाना जाता है वह क्षेत्र चीन ने 1962 के युद्ध में हड़प लिया था। अब चीन लगातार भारत को आंखे दिखाते हुए भारतीय क्षेत्र पर दावा करता रहता है। चीनी सरकार के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र गलवां वैली पर अपना दावा किया है। चीन ने अपने सैनिकों के घुसपैठ के सहारे गलवां वैली पर अपना दावा किया है जबकि यह पूरा क्षेत्र भारत के नियंत्रण में है।
उचित कार्रवाई करेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मौजूदा हालात पर बैठक के बाद फैसला लिया गया है कि सेना लद्दाख क्षेत्र में निर्माण कार्य को जारी रखेगी। भारत ने इस निर्देश के साथ ही चीन के स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत अब इस तरह से उकसावे वाली हरकत का उचित जवाब देगा। चीन ने भारत द्वारा निर्माण कार्य को रोकने के लिए ही इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहा है।
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