दिल्ली में अब ऐसे गाड़ी के मालिकों को भरना होगा 20 हजार का जुर्माना, लिस्ट में बाइक भी शामिल

GRAP

Delhi Car Ban: दिल्ली और आसपास के इलाके में यदि आप रहते हैं तो आपको लिए बुरी खबर है। भारत सरकार ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण स्तर को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली में वाहनों के लिए नया नियम बनाया है। सरकार ने दिल्ली में बीएस3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल इंजन के वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

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दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर कंट्रोल करने के लिए सरकार ने यह नियम लागू किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें इसबार बाइक को भी शामिल किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद ही खतरनाख स्तर पर पहुंच गया है। इससे निपटने के लिए सरकार ने GRAP (Graded Response Action plan) लागू कर दिया है। 

बता दें कि GRAP के नियमों का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है जब किसी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर अधिक हो जाता है। इसी के तहत अब दिल्ली में बीएस3 के पेट्रोल वाहन और बीएस4 मानक के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार के इस कदम से सैकड़ों लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

सरकार ने जारी किया ऑर्डर

केंद्र सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए ऑर्डर जारी कर दिया है। बता दें कि दिल्ली में सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। सरकार दिवाली से निपटने के लिए भी तैयारी कर रही है। दिवाली में पटाखों से भी दिल्ली का प्रदूषण बढ़ जाता है।

20 हजार का लगेगा जुर्माना

सरकार के द्वारा जारी ऑर्डर के मुताबिक, यदि आपका वाहन भी बीएस3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल कैटेगरी में आती है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। यदि आप नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको 20 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। जुर्माना के साथ ही आपके ऊपर 1998 मोटर वाहन अधिनियम की धारा भी लगाई जा सकती है।

सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का क्या होगा?

सरकार ने सीएनजी और पेट्रोल गाडियों के लिए राहत दी है। यदि आपके पास सीएनजी और पेट्रोल गाड़ी है तो बिना किसी दिक्कत के आप दिल्ली की सड़कों पर दौड़ सकते हैं।

GRAP क्या है?

GRAP का मतलब ग्रांटेड रिस्पांस एक्शन प्लान होता है। इसका प्रयोग किसी भी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है। इसमें कुल चार भाग होते हैं। जीआरएपी चरण वन, चरण 2 को पहले ही लागू किया जा चुका है।

स्टेज वन का प्रयोग तब किया जाता है जब प्रदूषण का स्टार 200 से लेकर 300 के बीच होता है। यह स्तर प्रदूषण का खराब स्तर होता है। इसमें अधिक पुरानी डीजल और पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दिया जाता है।

स्टेज 2 का प्रयोग तब किया जाता है जब प्रदूषण का स्टार 300 से लेकर 400 तक होता है। इस स्तर को बेहद ही खतरनाक माना जाता है। किसी भी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर 300 से 400 के बीच होने पर डीजल गाडियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

स्टेज 3 के अंदर प्रदूषण का स्तर 450 से ऊपर होता है। इस स्तर पर प्रदूषण पहुंचने के बाद bs3 और bs4 लेवल वाले गाड़ियों पर सरकार द्वारा प्रदूषण क्षेत्र में एंट्री बैन कर दी जाती है। इसमें पुरानी मोटरसाइकिल को भी शामिल किया जाता है।

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