नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच भारत सरकार ने देश में इमरजेंसी एप्रूवल के जरिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन जैसे कोरोना टीका को इस्तेमाल की मंजूरी दी है। हालांकि टीके को लेकर कई नेताओं ने संदेह जताया था। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना चाव के दोनो टीके सुरक्षित हैं और इसे लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए।
लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन किसी भी बीमारी से बचाव और इनसे होने वाली मौतों को रोकने में मदद करते हैं। दुनिया भर में किसी भी वैक्सीन को अनुमति दिए जाने से पहले इनका वैज्ञानिक परीक्षण होता है। परीक्षण के नतीजों के आधार पर विशेषज्ञ समिति इसका विश्लेषण करती है।
यह पूरी तरह सुरक्षित, इसे सबको लेना चाहिए – हर्षवर्धन
उन्होंने कहा, “टीकों को अनुमति देने में विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन की भूमिका होती है। जब पूरी दुनिया कोरोना के इन टीकों पर विश्वास कर रही है और सरकार इसको सबके लिए उपलब्ध करा रही है तो भ्रम से बाहर आकर सबको इसे लेना चाहिए।”
बता दें कि देश में पहले फेज के तहत फ्रंट लाइन वर्करों जैसे पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थकर्मियों इत्यादि को कोरोना का टीका दिया गया। दूसरे फेज में 60 साल से ऊपर बुजुर्ग और 45 से 60 के बीच किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को कोरोना का पहला टीका दिया जा चुका है।
हालांकि हाल के दिनों में कोरोन के नए मामलों तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। पीएम मोदी ने दो दिन पहले ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस मंत्रणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा था। साथ ही यह भी कहा था कि ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि लोगों ने भय का माहौल पैदा न हो।
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