नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस धमकी के बाद जिसमें ट्रंप ने भारत को करारा जवाब देने बात कही थी, अब विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवा पहले अपने परोसियों के लिए रखेंगे जो विशेष रूप से भारत पर निर्भर है। इसके अलावा विशेष रूप से कोरोना प्रभावित देशों को भी इस दवा की आपूर्ती की जाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह अपने लोगों के लिए दवा और इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए। इसी के चलते कई दवाईयों पर कुछ समय के लिए निर्यात पर रोक लगाई गई थी। लेकिन सरकार ने लगातार नए हालात को देखते हुए 14 दवाईयों के निर्यात पर से रोक हटा लिया है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर लगातार बदलते हालात का जायजा लिया जा रहा है। जब एक बार में भारत में इसका भरपूर स्टॉक होगा तब कंपनियों के साथ बातचीत कर आगे फैसला लिया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का ध्यान इसलिए भी रखना है क्योंकि कुछ पड़ोसी देश पूरी तरह हमारे ऊपर निर्भर हैं।
बता दें कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर कोरोना वायरस के हालात के मद्देनजर बातचीत हुई थी। बातचीत में ट्रंप ने भारत से मलेरिया रोधी दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग की थी। पीएम मोदी ने भी ट्रंप को आश्वासन दिया था। अब दो दिन बाद भी ट्रंप का यह धमकी भरा बयान सामने आया है।
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बढ़कर 4221 हो गई है। इस बिमारी ने भारत के कई राज्यों को अपने चपेट में ले लिया है। भारत के महाराष्ट्र, केरल, तमिलाडु, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य कोरोना की चपेट में ज्यादा हैं। भारत में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो चुकी है।
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