सिंगापुर। कई महीनों की रस्सा-कस्सी और विवाद के बाद आखिरकार विश्व राजनीति के ये दो बड़े दुश्मन एक-दूसरे से सिंगापुर में मुलाकात करने वाले हैं। दोनों ही नेता शांति वार्ता के लिए सिंगापुर पहुंच चुके हैं। दोनों की मुलाकात सिंगापुर के कपेला होटल में 12 जून को होगी।
दोनों नेताओं की मुलाकात को देखते हुए सिंगापुर उनकी सुरक्षा के लिए 50 करोड़ खर्च कर रहा है। दोनों नेताओं की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। विश्व के कोने-कोने से तीन हजार पत्रकार सिंगापुर पहुंच चुके हैं।
यह मुलाकात दुनिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मुलाकात के बाद यह तय होगा कि दुनिया शांति की राह में आगे बढ़ेगी या परमाणु युद्ध की आग में झुलसेगी।
वैश्विक राजनीति में इस मुलाकात को सबसे बड़ी घटना माना जा रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 12 जून की यह मुलाकात इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा। दोनों देश के नेता पहली बार एक-दूसरे से आमने-सामने बातचीत करने जा रहे हैं।
दुनिया के लिए दोनों नेताओं का बातचीत के लिए राजी होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। गौरतलब है कि दोनों देशों ने शीर्ष नेता एक-दूसरे को कोसने का कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। दोनों नेता एक-दूसरे के ऊपर सार्वजनिक रूप से बदजुबानी कर रहे थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम समिट में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंच गए हैं। इस समिट की मेजबानी सिंगापुर कर रहा है। सिंगापुर के पीएम ली शियेन लूंग के अनुसार उनका देश इस मुलाकात के लिए 20 मिलियन सिंगापुर डॉलर (100 करोड़ रुपए) खर्च करने जा रहा है।
लूंग के मुताबिक इस रकम में से आधा सिर्फ सुरक्षा मद में खर्च किया जाएगा। लूंग ने कहा कि यदि मुलाकात के बाद किम ने कहा कि अगर शिखर सम्मेलन में कोई समझौता हो जाता है तो सिंगापुर को इसके लिए इतिहास में याद किया जाएगा।
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