बीजिंग, एजेंसी। चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,113 हो गई है। वहीं इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या भी बढ़कर 44,653 हो गई है। चीनी प्रशासन ने बुधवार को यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों और शिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स से मंगलवार को कोरोनवायरस संक्रमण के कन्फर्म 2,015 नए मामलों और 97 मौतों की जानकारी मिली है।
सिन्हुआ ने चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के हवाले से बताया कि इनमें हुबेई प्रांत में 94 और हेनान, हुनान तथा चोंगकिंग में एक-एक मौत हुई है। आयोग ने कहा कि मंगलवार को 3,342 नए संदिग्ध मामले सामने आए। मंगलवार को ही 871 मरीज गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और 744 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
आयोग ने कहा कि 8,204 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और 16,067 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। ठीक होने के बाद कुल 4,740 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। आयोग ने कहा कि 4,51,462 लोगों के कोरोना वायरस पीड़ितों से करीबी संपर्क में होने का पता चला है, उनमें से 30,068 को मंगलवार को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 1,85,037 अन्य अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं।
मंगलवार को शाम तक हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) में एक की मौत सहित 49 मामलों की पुष्टि हुई, जबकि 10 मकाऊ एसएआर में और ताइवान में 18 मामलों की पुष्टि हुई है। मकाऊ और ताइवान में एक-एक मरीज को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
वायरस से पीडि़त गरीब छात्रों को आर्थिक मदद की पेशकश
चीन में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए दूसरी तरफ चीन के शिक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन और स्कूलों को कोरोना वायरस से प्रभावित गरीब परिवारों के छात्रों की आर्थिक मदद करने के लिए कहा है। मंत्रालयों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, संबद्ध कार्यालयों को गरीब छात्रों के रहने की स्थिति और स्वास्थ्य की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों, गरीबी वाले क्षेत्रों, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बयान के अनुसार, वायरस से संक्रमित परिवार के गरीब छात्रों के लिए अस्थाई सब्सिडी, ट्यूशन फीस में छूट या माफी होनी चाहिए जिससे स्कूल में उनकी पढ़ाई या जीवन प्रभावित ना हो। मंत्रालयों ने शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल में रुके गरीब परिवारों के बच्चों की देखभाल के लिए भी देशभर के स्कूलों से कहा है।



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