Chanakya Niti for Man: चाणक्य नीति में जीवन से जुड़ी हुई कई बातों का जिक्र किया गया है। यह ग्रंथ मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई है। बाद में धीरे-धीरे इसको हिंदी, अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया है। चाणक्य नीति में जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से बताया गया है।
आज के आधुनिक समय में लाखों-करोड़ों लोग रोजाना चाणक्य नीति के बारे में पढ़ते हैं। चाणक्य नीति की बातों से प्रेरित होकर लोग अपने व्यापार और अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। आधुनिक समय में चाणक्य नीति बहुत ही उपयोगी साबित हुई है।
आचार्य चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति (Chanakya Niti for Man) में राजनीति, व्यापार, धन-दौलत, जीवन, जीवन जीने की कला इत्यादि विषयों से संबंधित ज्ञान को अपनी इस पुस्तक में समेटा है। आचार्य चाणक्य का यह ज्ञान नीतिशास्त्र के रूप में जाना जाता है। पूरी दुनिया में यह चाणक्य नीति के नाम से प्रचलित है।
जीवन में कुछ विशेष हासिल करने के लिए चाणक्य नीति आपको बेहतरीन चीजें सिखाती है। भले ही आप किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो। यदि कोई व्यक्ति चाणक्य नीति का पालन पूरी तरह से करता है तो उस व्यक्ति को जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। जीवन में हमेशा सफलता पाने के लिए और धोखे से बचने के लिए चाणक्य नीति का ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में स्त्रियों को लेकर भी कई प्रकार की बातें बताई हैं। यह ऐसी बातें हैं जो अक्सर स्त्रियां अपने गहरे मन में छुपाए रहती हैं। इन बातों को महिलाएं कभी भी किसी के साथ शेयर नहीं करती हैं। चाणक्य ने अपनी नीति में स्त्रियों की तुलना पुरुषों से करते हुए कई प्रकार की बातें स्त्रियों के बारे में बताया है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में महिलाओं की लज्जा, साहस और काम के बारे में विस्तार से बताया है। आइए जानते हैं कि वह कौन सी बातें हैं जो अक्सर स्त्रियां किसी के साथ शेयर नहीं करती हैं और अपने मन में ही छुपाकर रखती हैं।
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Chanakya Niti for Man: पुरुषों के लिए चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से स्त्रियों के गुणों के बारे में बताया है। यह श्लोक इस प्रकार है-
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा। साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुण: स्मृत:।।
इस श्लोक के अनुसार, स्त्रियों में पुरुषों के मुकाबले अपेक्षाकृत भूख दोगुना, लज्जा 4 गुना, साहस 6 गुना और काम 8 गुना होती है।
दोगुनी होती है भूख
आचार्य चाणक्य के द्वारा उपरोक्त श्लोक में बताया गया है कि स्त्रियों में पुरुष के मुकाबले दोगुना भूख होती है। आज की जीवन शैली में भले ही महिलाओं के कामकाज के कारण खानपान बिगड़ गया है लेकिन वह अपने भूख पर कंट्रोल नहीं रख पाती हैं। एक पुरुष के मुकाबले स्त्री ज्यादा भोजन करती है।
लज्जा होती है 4 गुना
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में लगभग 4 गुना अधिक शर्म पाई जाती है। महिलाएं अक्सर शर्मीली ही होती है लेकिन महिलाओं में शर्म इतनी ज्यादा होती है कि वह किसी को कई बार कुछ बातें कहने से पहले कई बार सोचती हैं।
स्त्रियों में साहस 6 गुणा होता है
चाणक्य नीति के अनुसार, स्त्रियों में पुरुषों के मुकाबले साहस 6 गुना ज्यादा होता है। इस साहस के बल पर यदि कोई स्त्री कुछ भी करना चाहे तो वह कर सकती है। इसलिए स्त्रियों को शक्ति का स्वरूप माना गया है।
काम के मामले में पुरुषों पर भारी
नीति शास्त्र के अनुसार, स्त्रियों में काम की इच्छा पुरुषों से 8 गुना अधिक होती है। हालांकि स्त्रियां अपने इस काम की इच्छा को अपनी सहनशीलता और शर्म की वजह से दवा कर रखती हैं। स्त्री अपनी काम की इच्छा को कभी भी उजागर नहीं करती हैं और अपने संस्कार को ध्यान में रखते हुए परिवार को संभालने का काम करती हैं।



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