आज की 21वीं सदी में चाणक्य नीति प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों से व्यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ सीख सकता है। उनकी नीतियों को अपनाकर लोग सफलता हासिल करते हैं। इसी प्रकार चाणक्य ने अपनी नीति में मित्र, पत्नी और भाई के बारे में बताया है।
चाणक्य ने बताया है कि एक अच्छा भाई और सही पत्नी की पहचान किन परिस्थितियों में होती है। उन्होंने अपनी नीतियों में बताया है कि किसी भी व्यक्ति को अपना मित्र बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कब होती है किसकी पहचान?
चाणक्य नीति कहती है कि एक नौकर की पहचान उस वक्त होती है जब वह कार्य कर रहा हो। भाई और मित्र की पहचान संकट के समय होती है। उसी तरह एक पत्नी की पहचान उस वक्त होती है जब व्यक्ति के पास धन का अभाव रहता है। धन नष्ट होने पर पत्नी की असली पहचान होती है।
चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे पर टिका होता है। जो स्त्री पति का साथ हर परिस्थितियों में निभाती है, वह सही जीवन संगिनी होती है। इसी तरह संकट आने पर, किसी प्रकार की दुख की स्थिति में और शत्रुओं से घिरने पर या रोग होने पर जो मित्र साथ निभाता है, वही सच्चा मित्र होता है।
चाणक्य कहते हैं कि धन के मामले में किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए। धन एक ऐसी चीज है जिसके कारण किसी का भी विश्वास डगमगा सकता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति पर धन के मामले में विश्वास नहीं करना चाहिए।
चाणक्य नीति कहती है कि किसी व्यक्ति को किसी से मित्रता करते समय सावधान रहना चाहिए। मित्र अच्छा वही होता है जो बुरे वक्त और अच्छे वक्त दोनों की स्थितियों में साथ निभाता है। सच्चा मित्र मुश्किल समय में आपको कभी धोखा नहीं देता है। लेकिन यदि मित्र सही नहीं है तो वह आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए मित्रता करते समय सावधान रहना चाहिए।
नोट – आलेख की जानकारी पर हन्ट आई न्यूज दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
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