नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कश्मीर और अनुच्छेद 370 पर बात की। उन्होंने 370 को हटाने के कार्य को पटेल के सपने को पूरा होने जैसा बताया है। साथ पीएम मोदी ने देश में चीफ ऑफ डिफेंस (Chief of Defence) के पद का भी ऐलान किया है। माना जा रहा है कि रावत देश के पहले Chief of Defence हो सकते हैं।
बताया जा रहा है सरकार इसी साल इस पर फैसला ले सकती है। एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है जो सरकार को सितंबर तक अपना रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के बाद सरकार इस पर फैसला लेगी। बता दें कि कारगिल युद्ध के दौरान इस पद की मांग उठी थी।
माना जा रहा है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत हो सकते हैं। अधिकारियों की माने तो चीफ ऑफ डिफेंस पद पर नियुक्ति की प्रक्रियाओं को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति नवंबर में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।
हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि सीडीएस तीनों सेना प्रमुखों के ऊपर होंगे या फिर अन्य तीनों सेना प्रमुखों के बराबर का रैंक होगा। सरकार में इसको लेकर भिन्न मत है। इसी तरह, सीडीएस का कार्यकाल भी अभी स्पष्ट नहीं है।
इसे लागू करने वाली समिति में रक्षा सचिव, चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन स्टाफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के साथ ही सदस्य शामिल होंगे। 26वें सेनाध्यक्ष जनरल रावत दिसंबर 2019 में रिटायर कर रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा सीनियर मिलिट्री कमांडर होने के चलते ऐसा संभव है कि उन्हें पहला सीडीएस बनाया जा सकता है।
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, विदेश समन्वय, रक्षा से जुड़ी पोस्टिंग और टास्क, ट्रेनिंग, बलों का प्रबंधन ये सभी सीडीएस के अंतर्गत आएगी। प्रबंधन और ट्रेनिंग के लिए हेलीकॉप्टर जिसका तीनों सेना के अंगों के जरिए इस्तेमाल किया जाता है, यह भी सीडीएस के तहत आ सकता है।
देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।