नई दिल्ली। भारतीय सेना की स्थिति को और मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 6 अन्य लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खरीद को मंजूरी दे दी है। ये हेलीकॉप्टर अमेरिका की कंपनी बोइंग और अमेरिकी सरकार के साथ सितम्बर 2015 में किये गये करार के तहत किया गया है। सभी हेलीकॉप्टरों और दूसरे हथियार प्रणाली की कुल कीमत 4168 करोड़ रुपये है।
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच सितंबर 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर और 15 चिनूक भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर का समझौता हुआ था। अमेरिका इन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति भारत और चीन सीमा पर जारी गतिरोध को देखते हुए किया है। भारत सरकार ने 2015 में अमेरिका के बोइंग कंपनी से 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को खरीदने के लिए करीब 3 अरब डॉलर का करार किया था। इसका इस्तेमाल भारतीय सेना करेगी।
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सेना के लिए छह ‘एएच-64-ई’ हेलीकॉप्टर सहायक उपकरणों, कलपुर्जों और शस्त्र प्रणाली के साथ आएंगे। रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में सेना के लिए लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। बता दें कि इस हेलीकॉप्टर में रात में भी लड़ाई करने की क्षमता है।
इन रक्षा खरीद के साथ-साथ डीएसी द्वारा नौसेना के लिए यूक्रेन से 490 करोड़ की लागत से दो गैस टर्बाइन इंजन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
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