नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने भारतीय नौसेना के लिए अमेरिका से 24 मल्टीरोल हेलीकॉप्टर, रोमियो खरीदने का फैसला किया है। सीसीएस ने बुधवार को 2.6 बिलियन डॉलर के इस सौदे को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के दौरान इस सौदे पर मुहर लग सकती है।
यह हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह पनडुब्बियों पर हमले के लिए हथियारों से लैस होंगे। अमरीकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने एमएच-60 रोमियो हेलिकॉप्टर तैयार किया है। इसे एंटी-सबरमीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 25 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप की उपस्थिति में इस डील पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील के तहत भारत 24 एमएच-60 रोमियो हेलिकॉप्टर्स के लिए शुरुआत में 15 प्रतिशत किश्त का भुगतान होगा। डील होने के बाद इसकी पहली खेप दो साल के भीतर पहुंच जाएगी। दो से पांच साल के भीतर सभी हेलीकॉप्टर भारत को मिल जाएंगे। इसके अलावा दोनों देशों के बीच इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम खरीदने पर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि, इस सौदे में पेंच फंस सकता है। यह सौदा करीब 9 हजार करोड़ रुपये यानी 1.90 डॉलर का होगा।
बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हैलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और आवश्यकता पडऩे पर समंदर में कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को ध्वस्त कर सकते हैं। भारतीय नौसेना को ये हेलीकॉप्टर लगभग 21 हजार करोड़ (2.5 बिलियन डॉलर) में अमेरिका से मिलेंगे।
हिंद महासागर में जिस प्रकार लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स से खासी सहायता मिलेगी।
बता दें कि भारत के पास इसके अलावा कई हेलीकॉप्टर मौजू हैं। इसके साथ-साथ भारतीय वायुसेना के पास तेजस और राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान भी मौजूद हैं जो भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।



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