RBI New Rule: भारतीय रिजर्व बैंक ने सेविंग बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने को लेकर नया नियम लागू किया है। बता दें कि आजकल लगभग सभी बैंकों ने सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की बाध्यता कर दी है। खाता धारक जब अकाउंट में मिनिमम बैलेंस शीट को बरकरार नहीं रख पाता है तो बैंकों द्वारा इसपर चार्ज लगाया जाता है।
खातों में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने के कारण बैंकों ने खाता धारक से अबतक मोटी रकम वसूल की है। अगस्त में लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने एक लिखित जवाब में कहा कि 5 मुख्य बैंकों ने पिछले 5 सालों में मिनिमम बैलेंस ना मेंटेन करने पर पेनाल्टी लगाकर करीब 21 हजार करोड़ रुपये की कमाई की है।
अलग-अलग बैंकों के लिए यह चार्ज अलग अलग होता है। अमूमन बैंक 400 से 500 रुपए के बीच ग्राहकों से चार्ज वसूलने का काम करता है। ऐसे में सवाल ये है कि यदि बैंक पेनल्टी लगा दे तो क्या आप का बैलेंस नेगेटिव हो जाएगा। इसको लेकर आइए जानते हैं क्या कहता है आरबीआई का नया नियम।
RBI new rule – आरबीआई का नया नियम क्या कहता है
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार सभी बैंकों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि किसी भी खाते में मिनिमम बैलेंस ना रखने के चलते पेनल्टी लगने से बैलेंस नेगेटिव ना हो। इसलिए आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने की छूट मिल गई है।
ग्राहकों को अवगत कराना जरूरी
इस बात को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने 20 नवंबर 2014 को एक सर्कुलर जारी किया था जिसके मुताबिक देश में मौजूद सभी प्राइवेट और सरकारी बैंकों को इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया था। नियम के मुताबिक बैंकों को ग्राहकों को इसकी सूचना तुरंत देनी होगी। जैसे ही ग्राहक के खाता में मिनिमम बैलेंस नीचे चला जाएगा, तो बैंकों को इसकी जानकारी और लगने वाले चार्ज की सूचना ग्राहकों को देना जरूरी होगा। ताकि ग्राहक समय रहते जरूरी कदम उठा सके।
बेसिक अकाउंट में बदल देना चाहिए खाता
यदि आपके अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस रखने की बाध्यता है तो आपको अपने बैंक अकाउंट में बैलेंस मेंटेन करके रखना पड़ेगा। आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को ऐसे खातों पर पेनल्टी लगाने के बजाय उस पर दी जाने वाली सुविधाओं को सीमित कर देना चाहिए।
बैंकों को ऐसे खातों को बेसिक अकाउंट में बदल देना चाहिए। जब ग्राहक खाते में बैलेंस फिर से मिनिमम बैलेंस से ऊपर हो जाए तो उसे रेगुलर अकाउंट में रिस्टोर कर देना चाहिए।
बैंक कैसे वसूलते हैं पेनाल्टी
जिन ग्राहकों के खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रहता है बैंक खाते से पेनाल्टी के रूप में कुछ रकम वसूल करता है। मिनिमम बैलेंस से कम बैलेंस होने पर पहले पेनल्टी के पैसे काट लिए जाते थे। इसकी वजह से खाता नेगेटिव में चला जाता था। लेकिन आरबीआई के नए रूल के अनुसार अब ऐसा नहीं होगा।
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक (RBI new rule) अब मिनिमम बैलेंस खाता में नहीं रहने पर बैंक चार्ज तो अवश्य लगाएगा लेकिन खाते को नेगेटिव में नहीं दिखाया जाएगा। जब ग्राहक अपने खाते में रकम डालेगा तो उसी रकम में से पेनाल्टी की रकम बैंकों द्वारा काट ली जाएगी।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपके बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की सीमा 5000 रुपए है। आप खाते में 5000 रुपए नहीं रख पाते हैं तो बैंक इस पेनाल्टी लगाएगा लेकिन इसकी सूचना आपको पहले देगा। यदि आपके खाते में जीरो बैलेंस है तो बैंक इसपर पेनाल्टी लगाएगा। लेकिन आपका खाता निगेटिव में नहीं जाएगा। जब आप खाते में पैसे डालेंगे तो बैंक अपना चार्ज काटकर बाकी रकम खाते के बैलेंस में दिखा देगा।
मान लीजिए कि किसी खाते में मिनिमम बैलेंस की सीमा 5000 रुपए है। ग्राहक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं पाया तो बैंक उसपर 1000 रुपये का पेनाल्टी लगाएगा। लेकिन खाता निगेटिव नहीं होगा। अब जब ग्राहक वापस 5000 रुपए खाते में डालेगा तो बैंक उसमें से 1000 रुपए काट लेगा और ग्राहक के खाते में 4000 रुपए बैलेंस दिखाई देगा।
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