Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य इस संसार में अकेला ही जन्म लेता है और अकेला ही मृत्यु को प्राप्त होता है। मौत के बाद व्यक्ति अकेला इस संसार को छोड़कर चला जाता है। मृत्यु के बाद मनुष्य अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा पाता है। लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताया है कि मरने के बाद मनुष्य अपने साथ एक चीज अवश्य ही ले जाता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मृत्यु के उपरांत इंसान या तो स्वर्ग जाता है या फिर नर्क जाता है। मृत इंसान के बाद आत्मा की यह स्वर्ग और नरक यात्रा अकेले ही होती है। इस यात्रा में उनके साथ कोई सगे-संबंधी नहीं होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, मृत्यु के उपरांत मनुष्य अपना सबकुछ छोड़कर चला जाता है। लेकिन इंसान के कर्म उनके साथ हमेशा रहते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो भी मनुष्य अच्छा या बुरा कर्म करता है, उसे उस अच्छे और बुरे कर्म का फल अकेले ही भोगना पड़ता है। इस संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है जिनका कर्म कोई और भोगता है। इसलिए कहा जाता है कि मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। क्योंकि चाणक्य नीति के अनुसार (Chanakya Niti) मृत्यु के उपरांत उनके कर्म ही उनके साथ रहते हैं और इन्हीं कर्मों के आधार पर उन्हें स्वर्ग या नरक मिलता है।
जो व्यक्ति अपने पूरे जीवन काल में बुरे कर्म करता है उन्हें उनका पूरा नतीजा भुगतना पड़ता है। लेकिन जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा कर्म करता है उन्हें उस अच्छे कर्म के फल मिलते हैं।
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