पीरियड में गुरुवार का व्रत करना चाहिए या नहीं? इस प्रकार का सवाल अक्सर लड़कियों के मन में होता है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार का व्रत करने से भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरुवार का व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुख में होता है और जीवन में आने वाली दिक्कतें दूर होती है।
हालांकि गुरुवार के दिन व्रत करने से पहले कुछ नियमों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। जो व्यक्ति नियम के अनुसार गुरुवार का व्रत करते हैं उनकी इच्छा आसानी से पूर्ण हो जाती है। यदि आप अपने व्रत में बार-बार गलतियों को दोहराते हैं तो इससे आपको नुकसान भी हो सकता है।
गुरुवार के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को बाल और दाढ़ी गलती से भी नहीं कटवाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आर्थिक समस्याएं आती है और आपके साथ कुछ बुरा भी हो सकता है। इसके अलावा गुरुवार के दिन घर धोने से भी मना किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन घर में पोछा नहीं लगाना चाहिए।
पीरियड में गुरुवार का व्रत करना चाहिए या नहीं
गुरुवार के दिन व्रत करने वाली लड़कियों को यदि मासिक धर्म चालू हो गया हो तो व्रत नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मासिक धर्म चालू होने पर शरीर अशुद्ध हो जाता है और इसके कारण पूजा का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता है। कभी ही पूजा या व्रत करने से पहले स्वच्छ होना बहुत ही जरूरी होता है। ऐसे में मासिक धर्म चालू होने से शरीर अशुद्ध हो जाता है।
इस विषय में कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि व्रत करते समय पीरियड शुरू हो जाए तो ऐसी स्थिति में व्रत तो रख सकते हैं लेकिन पूजा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यह व्रत गिना नहीं जाता है। ऐसी स्थिति में आप पूजा किसी अन्य व्यक्ति से करवा सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि पीरियड के समय महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का स्तर अधिक हो जाता है। कहा जाता है कि ऊर्जा के स्तर को भगवान भी सहन नहीं कर सकते हैं। इसलिए कई बार ऐसा देखा गया है कि कोई महिला पीरियड के दौरान तुलसी में यदि जल डालती है तो तुलसी का पौधा सूख जाता है। क्योंकि महिलाएं उस समय अशुद्ध होती हैं। तुलसी के पौधे में कोई भी अशुद्ध चीज संपर्क में आने पर वह सूख जाती है।
पीरियड के दौरान इस तरह करें पूजा
- यदि आपको पीरियड हो रहा है और आप उस समय व्रत कर रही हैं तो ऐसे में महिलाओं को अपना व्रत पूरा करना चाहिए।
- इस दौरान महिलाओं को मानसिक रूप से भगवान की आराधना करनी चाहिए।
- व्रत के दौरान पूजा पाठ किसी अन्य व्यक्ति से करवा सकती हैं और उस समय महिलाओं को दूर बैठकर पूजा में भाग लेना चाहिए।
- इस दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ के सामान को नहीं छूना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पूजा पाठ का सामान अशुद्ध हो जाता है। हालांकि इस दौरान महिलाएं मन में मंत्रों का जाप कर सकती हैं।
पीरियड के कितने दिनों बाद पूजा करें
पीरियड आने के बाद पांचवें दिन बालों को धोकर और नहाकर पूजा में शामिल हुआ जा सकता है। कुछ महिलाओं के पीरियड 7 दिनों तक चलते हैं, ऐसे में ऐसी महिलाएं 5
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