शनिवार को शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। शनिदेव एक ऐसे देवता है जो बहुत ही ज्यादा क्रोधी स्वभाव के माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि शनिदेव किसी व्यक्ति से नाराज हो जाएं तो उस व्यक्ति के जीवन में एक के बाद एक कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। चाहे वह व्यक्ति कितना भी कोशिश क्यों ना कर ले उसे किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती।
शनिदेव की नाराजगी किसी पर भी बहुत भारी पड़ती है। इसलिए शनिदेव से संबंधित प्रत्येक चीजों को लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यदि पूजा करते वक्त आपसे कोई गलती हो जाए तो आपको शनिदेव के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में शनिदेव की पूजा को लेकर कई लोगों के मन में सवाल होते हैं। महिलाएं जाना चाहती है कि क्या औरतों को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए या नहीं?
औरतों को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए या नहीं
जहां तक महिलाओं की बात है तो आमतौर पर महिलाओं को शनिदेव की पूजा करने से मना किया जाता है। यदि किसी महिला की कुंडली में शनि की स्थिति बुरी है तो उससे बचने के लिए महिलाएं शनिदेव की पूजा कर सकती हैं। लेकिन महिलाओं को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी वह शनिदेव की मूर्ति को ना छुएं। शनिदेव की मूर्ति को महिलाओं द्वारा स्पर्श करने से उन्हें भारी संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
महिलाओं को शनिदेव की मूर्ति क्यों नहीं छूना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना गया है कि औरतों द्वारा शनिदेव की मूर्ति या उनके शिला को छूने से महिलाओं के ऊपर शनि की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव महिलाओं पर सबसे अधिक होता है। इस वजह से महिलाओं को कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए महिलाओं को शनिदेव की पूजा करते वक्त उनकी मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
यदि कोई महिला शनिदेव की पूजा कर रही है तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दीपक जलाने वक्त शनिदेव के मंदिर की शिला या पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जला सकती है। शनिदेव से संबंधित चीजों को दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
ऐसा माना जाता है कि जब भी हम लोग कोई अनैतिक काम करते हैं तो हमेशा शनिदेव की नजर में रहते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। इसके अलावा ऐसे लोग जो गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, एड्स, कुष्ठ रोग, किडनी से संबंधित समस्याएं, पैरालिसिस, साइटिका, हृदय रोग, डायबिटीज और स्कीम से संबंधित कोई डिजीज से जूझ रहे हैं तो उन्हें शनिदेव से संबंधित उपाय करना चाहिए। इससे बहुत राहत मिलती है।
भगवान शनिदेव का खास मंदिर शनि सिंगणापुर
भगवान शनिदेव का एकमात्र और खास मंदिर शनि सिंगणापुर है। यहां पर शनिदेव की कोई मूर्ति नहीं है और ना ही कोई मंदिर है। यहां एक शिला पर शनिदेव विराजमान हैं। इस मंदिर की पूरे भारतवर्ष में विशेष ख्याति है। दूर-दूर से शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त यहां पहुंचते हैं।
शनिदेव की पूजा में महिलाएं इन गलतियों को ना करें
- महिलाओं को पूजा करते वक्त कभी भी शनि देव की मूर्ति या शीला को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनके अंदर नकारात्मकता का भाव आ सकता है।
- महिलाओं को शनिदेव को तेल नहीं चढ़ाना चाहिए। वह तेल को अर्पित कर सकती हैं। शनिदेव के मंदिर के नीचे एक कटोरी में तेल रखकर दीपक जलाना ठीक माना जाता है।
- वैसी महिलाओं को शनिदेव की पूजा से बचना चाहिए जिनकी कुंडली में किसी भी प्रकार की शनि की ढैया या साढ़ेसाती ना चल रही हो। जिस पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रहा हो उन महिलाओं को किसी पंडित से पूछकर ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
- औरतों को कभी भी शनि देव की मूर्ति की आंखों में नहीं देखना चाहिए। इससे जीवन में नेगेटिविटी आने का डर बना रहता है।
- गर्भवती स्त्री को कभी भी शनिदेव के मंदिर या भैरव के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। इस दौरान शनिदेव के मंदिर में जाने से बच्चे के ऊपर नकारात्मकता का अधिक प्रभाव पड़ता है।
- शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए महिलाओं को शनिवार के दिन मंदिर नहीं जाना चाहिए। महिलाएं शनिवार को शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए शनि से संबंधित चीजों का दान कर सकती हैं।
नोट – यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। इस विषय में हंट आई न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता। विशेष जानकारी के लिए हमेशा विशेषज्ञ से ही संपर्क करें।
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