Draupadi Murmu Biography in Hindi- भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 में मयूरभंज, उड़ीसा (भारतीय राज्य) में हुआ था। वह एक आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। हाल ही एनडीए द्वारा उन्हें नए राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किया गया था। राष्ट्रपति चुनाव ने उन्हें जीत हासिल हुई और वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं।
एक आदिवासी के तौर पर वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। यह पहला मौका है जब द्रौपदी मुर्मू को यह गौरव भारतीय जनता पार्टी की वजह से प्राप्त हुआ। उनकी जीत के बाद उनके गृहराज्य उड़ीसा में जश्न का माहौल है। वह भारत दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने वाली शख्शियत हैं।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय – Draupadi Murmu Biography in Hindi
- पूरा नाम- द्रौपदी मुर्मू
- जन्मदिन – 20 जून 1958
- जन्मस्थान- मयूरभंज, उड़ीसा, भारत
- आयु- 64 वर्ष
- माता का नाम- ज्ञात नहीं
- पिता का नाम- बिरंचि नारायण टुडू
- पति का नाम- श्याम चरण मुर्मू
- गृह राज्य- उड़ीसा, भारत
- जाति- अनुसूचित जनजाति
- धर्म- हिंदू
- शिक्षा- ग्रेजुएशन (रामा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर)
- पेशा- राजनीतिज्ञ
- संपत्ति- 10 लाख
- पुत्र-पुत्री- एक पुत्री (इतिश्री मुर्मू)
- पार्टी- भारतीय जनता पार्टी (1997 में जुड़ीं)
द्रौपदी मुर्मू का परिवार
द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडू है और द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। हालांकि उनके माता के विषय में कुछ जानकारी उपलब्ध नहीं है।
द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा
द्रौपदी मुर्मू की प्रारंभिक शिक्षा उनके जन्मस्थान उड़ीसा के मयूरभंज में पूरी हुई। बाद में ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर चली गईं। भुवनेश्वर के रामा देवी महिला कॉलेज से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
इसके द्रौपदी मुर्मू ने उड़ीसा के ही बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में 1979 से कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने इस नौकरी को 1983 में छोड़ दिया। इसके बाद 1994 में रायरंगपुर स्थित अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बतौर शिक्षक के रूप में काम किया। यहां पर उन्होंने 1997 तक अपनी सेवा दी।
1997 में बनी जिला पार्षद
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन यहीं से शुरू होता है। 1997 में उड़ीसा (अब ओडिशा) के रायरंगपुर जिले से वह पहली बार भाजपा की तरफ से जिला पार्षद चुनी गईं। उसके साथ ही उन्हें रायरंगपुर की उपाध्यक्ष भी बनाया गया। 2004 में मुर्मू रायरंगपुर विधानसभा से विधायक बनीं। यह उनकी पहली पूर्ण राजनीतिक शुरूआत थी।
2002 से लेकर 2009 तक द्रौपदी मुर्मू ने मयूरभंज जिला के भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। 2004 में विधायक बनीं और 2015 में उन्हें आदिवासी बहुल राज्य झारखंड का राज्यपाल बनने का मौका मिला। अब 21 जुलाई 2022 को उन्हें राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
राजनीतिक घटनाक्रम
- 2000 में वह राइरांगपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुनी गयीं और नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजद-भाजपा सरकार में स्वतंत्र प्रभार के रूप में राज्य मंत्री भी नियुक्त हुईं।
- 2002 में मुर्मू ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त हुईं।
- 2006 में श्रीमति मुर्मू बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उड़ीसा राज्य की अध्यक्ष बनीं।
- 2009 में वह राइरांगपुर से ही भाजपा के टिकट पर दौबारा विधायक चुनी गईं।
- 2015 में द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी बहुल राज्य झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति किया गया।
- 2022 में वह भारत की दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति चुनी गईं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदि विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिंहा को हराया।
दौपदी मुर्मू के बारे में रोचक तथ्य
1. वह झारखंड राज्य के राज्यपाल के तौर पर पद संभालने वाली पहली महिला हैं।
2. वह किसी भारतीय राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाली पहली जनजातीय महिला हैं।
3. वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं।
4. मुर्मू के नाम सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड दर्ज है।
द्रौपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार
उन्हें साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक का नीलकंछ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हालांकि द्रौपदी मुर्मू का निजी जीवन जीवन संघर्षों और दुखों से भरा रहा। मुर्मू को दो पुत्र और एक पुत्री थी। हालांकि पति और दोनों जवान बेटे अब इस दुनिया में नहीं हैं। एक बेटी है, जिनका नाम इतिश्री है और उन्होंने बेटी की शादी गणेश हेम्ब्रम के साथ की है।
हालांकि उन्होंने अपने निजी जीवन की कठिनाइयों और दुखों का असर कभी अपने राजनीतिक जीवन पर नहीं पड़ने दिया और एक के एक बाद नई उंचाइयों को छूती गईं। वह पहली जनजातीय महिला राज्यपाल बनकर और फिर दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनकर कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया है।
FAQs:
Ans: भारत की दूसरी महिला और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं।
Ans: उनका जन्म उड़ीसा के एक संथाल परिवार में 20 जून 1958 को हुआ था। वह बइदापोसी गाँव, मयूरभंज, उड़ीसा की रहने वाली हैं।
Ans: द्रौपदी मुर्मू
Ans: श्याम चरण मुर्मू
Ans: आदिवासी समुदाय
Ans: इनकी कुल संपत्ति लगभग 10 लाख है।
Ans: भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखी हैं। उन्होंने 1997 में बीजेपी को ज्वाइन किया था।

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