Mahatma Gandhi Biography Hindi: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय

Mahatma Gandhi Biography

डेस्क। Mahatma Gandhi Biography Hindi: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास कर्मचंद गांधी था। महात्मा गांधी को सत्य और अहिंसा का पुजारी कहा जाता है। गांधी जी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। महात्मा गांधी की माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गांधी था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था। कस्तूरबा गांधी विवाह के वक्त 14 वर्ष की थी।

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मोहन दास करमचन्द गांधी (महात्मा गांधी) को अहिंसा और सत्य का पाठ उनकी माता से मिला। महात्मा गांधी की माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी। गांधी जी को सबसे पहले राष्ट्रपिता कहकर सुभाष चन्द्र बोस ने पुकारा था। सुभाष चन्द्र बोस ने 1944 में रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम से जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।

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Mahatma Gandhi Short Biography Hindi- महात्मा गांधी के बारे में संक्षिप्त जानकारी
  • नाम (Name) – मोहनदास करमचन्द गांधी
  • प्रचलित नाम – महात्मा गांधी
  • माता का नाम (Mother Name) – पुतलीबाई
  • पिता का नाम (Father Name) – करमचंद गांधी
  • जन्मदिन (Birthday) – 2 अक्टूबर 1869
  • जन्म स्थान (Birth Place) – पोरबंदर (गुजरात)
  • राष्ट्रीयता (Nationality) – भारतीय (Indian)
  • शिक्षा (Education) – बैरिस्टर ()
  • महात्मा गांधी की पत्नी (Wife of Mahatma Gandhi) – कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया (कस्तूरबा गांधी)
  • संतान (Chaildren) – 4 पुत्र: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
  • मृत्यु (Death of Mahatma Gandhi) – 30 जनवरी 1948
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महात्मा गांधी की उपलब्धियाँ-

महात्मा गांधी के नाम से मशहूर मोहनदास करमचंद गांधी जी स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख राजनेता थे। भारत को आजादी दिलाने में गांधी जी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धातों पर चलाया और इन्हीं के सहारे भारत की आजादी दिलाने की प्रयास किया।

गांधी जी के अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों ने पूरी दुनिया के लोगों में नागरिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। गांधी जी ने अपनी जिन्दगी के हर परिस्थिति में सत्य और अहिंसा का पालन किया और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया। हमेशा सदाचार में जीवन गुजारने वाले महात्मा गांधी ने हमेशा भारतीय पोशाक धोती और सूत से बनी शाल ही पहनते थे।

महात्मा गांधी जीवनभर शाकाहारी रहे और अपनी आत्मशुद्धि के लिए कई बार लंबे उपवास भी रखे। गांधी जी के अहिंसा और सत्य की ताकत से अंग्रेज भी हमेशा सहमे रहते थे। कई अंग्रेज अधिकारियों पर भी गांधी जी का अच्छा प्रभाव था। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी जी कई वर्षों तक जेल में रहे।

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1915 में महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के अत्याचारों और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया। दक्षिण अफ्रीका में वे एक वकील के रूप में भारतीय समुदाय के लोगों के लिए लड़े। फिर भारत आकर उन्हें पूरे भारतवर्ष में भ्रमण किया और पिछड़े समुदाय के लोगों (किसान, मजदूर और श्रमिक) से मिले और उन्हें उस वक्त भारी भूमि कर और भेदभाव से लड़ने के लिए एकजुट किया।

गांधी जी ने 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाली। कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देश के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में काम किया और व्यवस्था को सुधारने और लचीला बनाने का प्रयास किया। 1930 में उन्होंने नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुए।

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महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन (Mahatma Gandhi Biography – Early Life)

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। गांधी जी की 13 वर्ष की उम्र में कस्तूरबा नाम की महिला से शादी हो गई। 15 साल की उम्र में गांधी जी की पहली संतान का जन्म हुआ। लेकिन पहली संतान की कुछ ही दिनों बाद मौत हो गई। 1885 में ही गांधी जी के पिता करमचंद गांधी भी चल बसे।

पहली संतान की मौत के बाद गांधी जी को चार संतान हुए। 1888 में दूसरी संतान हरिलाल गांधी का जन्म हुआ। 1892 में तीसरी संतान मणिलाल गांधी का जन्म हुआ। 1897 में रामदास गांधी (चौथी संतान) का जन्म हुआ और 1900 में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की पांचवी संतान देवदास का जन्म हुआ।

गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही हुई। राजकोट से उन्होंने हाई स्कूल की शिक्षा ग्रहण किया। 1887 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा अहमदाबाद से उत्तीर्ण किया। मैट्रिक के बाद उन्होंने भावनगर के शामलदास कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन खराब स्वास्थ्य और घर के वियोग ने उन्हें वापस पोरबंदर आने पर मजबूर कर दिया।

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