कांग्रेस नेता ई. संजीव सिंह की है पारू विधानसभा क्षेत्र पर मजबूत पकड़
हरिओम कुमार, बिहार डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही है। कोरोना के कारण उत्पन्न मौजूदा हालात को देखते हुए यह तय करना कि बिहार में विधानसभा चुनाव कब होंगे, यह जल्दबाजी होगी। लेकिन विधानसभा चुनाव होना तय है और इसी कारण चुनावी माहौल बनना शुरू हो चुका है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का पारू विधानसभा क्षेत्र जहां कुल मतदाता 2.76 लाख है। जिले के पश्चिमी भाग में स्थित यह एकमात्र सीट है जो पिछले तीन टर्म से भाजपा के कब्जे में है। 2015 के चुनाव में अशोक सिंह के प्रबल प्रतिद्वंदी जिला राजद अध्यक्ष मिथिलेश राय ने स्वयं मैदान में नहीं उतर अपने भतीजे शंकर प्रसाद यादव को उतारा था, और अशोक सिंह ने शंकर यादव को हराकर इस सीट पर फिर से कब्जा जमा लिया।
यह भी ट्रेंड में है 😊👇

एसबीआई बैंक में खाता है तो आज ही जान लें यह बात, आपके लिए है बड़ी खुशखबरी
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने अपने ग्राहकों को हाल ही में बड़ी…

UP News: शिक्षकों को योगी सरकार का तोहफा, अब यूपी रोडवेज बसों में कर सकेंगे फ्री यात्रा
UPSRTC Bus Service News: उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में अब यूपी के शिक्षक यात्रा…

Credit Card News: क्रेडिट कार्ड के मोटे ब्याज से ऐसे मिलेगा छुटकारा, आज ही जानें
Credit Card News: क्रेडिट कार्ड के मोटे ब्याज से आप परेशान हैं तो चिंता करने…
पारू विधानसभा क्षेत्र स्वर्ण बहुल क्षेत्र है। इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता अशोक कुमार सिंह 2005 से लगातार तीन बार चुनाव जीत रहे हैं, जो राजपूत जाति से आते हैं। इस क्षेत्र में राजपूत जाति का केवल 9 हज़ार वोट है जबकि भूमिहार जाति का 63 हजार वोट है, जो अशोक सिंह को वोट देता है। इस क्षेत्र में कांग्रेस नेता संजीव सिंह की भी पकड़ अच्छी है। अगर कांग्रेस-राजद गठबंधन से कांग्रेस पार्टी ई. संजीव सिंह को टिकट देगा तो यह तय है कि स्वर्ण जाति (राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण) के साथ यादव, मुस्लिम का वोट भी आसानी से मिलेगा और पारू सीट से महागठबंधन को जीत हासिल हो सकती है।

इस तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार शंकर यादव को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि सवर्ण बहुल क्षेत्र होने के नाते यादव जाति के उम्मीदवार को बहुमत मिलना मुश्किल है। 2015 के चुनाव में राजद के उम्मीदवार शंकर यादव ने 26 हजार वोट से हारकर यह साबित कर दिया कि पारू विधानसभा की यह सीट राजद-कांग्रेस महागठबंधन से कोई भूमिहार उम्मीदवार ही जीत सकता है।
ताजा खबरें 😄👇

Happy New Year Shubhkamna Sandesh: अपने फ्रेड्स और फैमली को भेजें यह शुभकामना संदेश
नया साल एक नई शुरुआत, नई उम्मीदों और नए सपनों का संदेश लेकर आता है।…

Huawei Mate 80 सीरीज: डिमांड इतनी ज्यादा कि कंपनी भी हैरान! क्या आपको भी करना होगा इंतजार?
Huawei ने चीन के स्मार्टफोन बाजार में Mate 80 सीरीज के साथ धमाकेदार वापसी की…

क्या बंद हो रही है लाडकी बहिन योजना? नवंबर-दिसंबर की किस्तें अटकीं, जानें पूरा मामला
महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना में दो महीने से किस्तें अटकी हैं। चुनावी प्रक्रिया को…
ज्ञात हो कि ई. संजीव सिंह बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हैं, साथ ही बिहार कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। मुजफ्फरपुर जिला से एकमात्र एआईसीसी सदस्य हैं। ई. संजीव सिंह इसके पूर्व में बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वहीं कांटी विधानसभा क्षेत्र में भी ई. संजीव सिंह का मजबूत पकड़ है। भूमिहार 75000 हैं, मुस्लिम 43000 हैं एवं यादव 32000 हैं। कांटी के वर्तमान विधायक ने अपना एक दूसरा विकल्प विधानसभा क्षेत्र के रूप में चुन लिया है। नए क्षेत्र में तैयारी शुरू कर दिया है। यानी वर्तमान विधायक को अब इस क्षेत्र से ज्यादा लगाव नहीं रहा।
मीडिया से बातचीत के क्रम में डॉ. भीमराव अंबेडकर विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष सुदर्शन पासवान ने महागठबंधन से मांग किया है कि ईं. संजीव सिंह पारू विधानसभा क्षेत्र या कांटी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस महागठबंधन के उम्मीवार होंगे तो जीत सुनिश्चित है।
वहीं अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि परिषद के अध्यक्ष अमर पांडेय ने भी पारू की जनता से बदलाव की मांग की है। उन्होंने कहा कि वक्त है बदलाव का। अब समय आ गया है कि किसी मजबूत नेतृत्व में पारू विधानसभा का विकास हो। यह तभी संभव होगा जब ई. संजीव सिंह जैसा शिक्षित युवा नेता पारू विधानसभा क्षेत्र से जीतकर क्षेत्र के विकास के लिए काम करेगा।

देश और दुनियाँ की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए Huntnews.Com के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।
































