Covid-19 : कोरोना से पूरी दुनिया में तबाही

Covid-19

✍ पुष्कर ठाकुर। लैटिन भाषा “कोरोना” का अर्थ मुकुट होता है। Covid-19 वायरस के चारों तरफ कांटों जैसी आकृति से यह मुकुट जैसा दिखता है। यह वायरस 2019 के दिसंबर में उत्पन्न हुआ, इसलिए इसका नाम कोविड-19 (Covid-19) रखा गया। यह बीटा वंश के कोरोना व सार्स वायरस ग्रुप का सदस्य है। किसी एक प्रकार का वायरस नहीं है, इसका पूरा परिवार या कुल है कि जिसे कोरोंविरिडे कहा जाता है।

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वैज्ञानिकों का मानना है कि Covid-19 की उत्पत्ति चमगादड़, सांप, समुद्री जीव जंतु के खाने से हुई है। लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है। इस वायरस का फैलाव चीन के वुहान शहर से हुआ। लेकिन देखते ही देखते चीन के वुहान से लेकर विश्व के अनेक देशों में अपना पैठ जमा लिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना (Covid-19) वायरस को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। जो संपूर्ण विश्व को अपने आगोश में कर लिया है। चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में पहला संक्रमित मरीज की पुष्टि की गई। यह वायरस विश्व के लगभग 205 देशों में पैर पसारता जा रहा है तथा लगभग 31 लाख से अधिक लोग अभी तक संक्रमित हुए हैं। इतना ही नहीं लगभग 2 लाख से अधिक लोगों को इस महामारी ने काल के गाल में समाहित कर लिया है।

संक्रमित व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 75 वर्षों के बाद सबसे बड़ी वैश्विक आपदा घोषित किया जा चुका है। इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्व के अनेक देशों ने लॉकडाउन की घोषणा की। इससे भारत भी अछूता नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 22 मार्च को जनताकर्फ्यू का आह्वान किया गया। इसके दो दिन बाद 24 मार्च को रात्रि 12:00 बजे से 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा की गई।

इस अवधि में निजी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सा सेवा, दूरसंचार सेवा, बैंकिंग एवं एटीएम सेवाएं, डेयरी एवं डेयरी संबंधित प्रतिष्ठान, खाद्य एवं किराने प्रतिष्ठान, फल सब्जियों की दुकान, दवा की दुकानें, सर्जिकल आइटम से संबंधित संस्थान,पेट्रोल पंप एवं सीएनजी स्टेशन, एलपीजी गैस एजेंसी, पोस्ट ऑफिस एवं कुरियर सेवा, ई- कॉमर्स सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया सुचारु रुप से चालू रहेंगे।

विगत दशकों में उभरी बीमारियों में सार्स एक जानलेवा बीमारी थी। इसकी भी शुरुआत दक्षिण चीन से नवंबर 2002 से 2003 के बीच हुआ। इसके कारण 37 देश चपेट में आ गए। 8000 संक्रमित हुए उनमें से 775 लोगों की मौत हुई। अमेरिका में स्वाइन फ्लू अप्रैल 2009 में प्रारंभ हुआ और अप्रैल 2010 में स्वाइन फ्लू के 6000 मामले सामने आए। सार्स, स्वाइन फ्लू, कोविड-19 में एक ही समानता है कि यह सभी सास संबंधित रोग हैं।

कोविड-19 (Covid-19) इन सभी से भी घातक सिद्ध हो रहा है। इससे विश्व के लगभग 31 लाख 39 हजार लोग संक्रमित हैं। जिनमें लगभग 218,024 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राष्ट्र अमेरिका भी इससे से प्रभावित है। जहां 10 लाख लोग संक्रमित हैं लगभग 59000 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा चीन में 82858 संक्रमित हैं, 4600 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में 232,128 संक्रमित हैं और 23,822 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में 2 लाख से अधिक संक्रमित है और 27,359 मौत हो चुकी है। जर्मनी में 159,912 संक्रमित हैं, 6,314 मौतें हो चुकी हैं। फ्रांस में 165900 संक्रमित है जिनमें 23,660 मौतें हुई है। भारत में 31000 से अधिक संक्रमित है और 7700 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा अन्य देश भी इससे ग्रसित हैं।

कोरोना से प्रभावित अन्य देशों की अपेक्षा भारत में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या तथा मृत्यु दर कम है। इसका मुख्य कारण समय रहते लॉकडाउन को सरकार द्वारा सख्ती से पालन करवाना है। इसका मुख्य उद्देश्य इस बीमारी को फैलने से रोकना है। इस विषाणु के लिए ना एंटीवायरस है, ना दवा है, ना वैक्सीन ही है। इसका बचाव सिर्फ और सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग तथा स्वच्छता के माध्यम से किया जा सकता है।

भारत सरकार ने कोरोना से बचाव तथा स्वास्थ्य सेवा के लिए ₹15000 का फंड जारी किया है। इस बीमारी कारण सभी फैक्टरियां, कल-कारखाने, रेल सेवा, बस सेवा तथा अन्य सभी कामकाज प्रभावित होने के कारण लोगों के सामने रोजगार तथा भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है। श्रमिक वर्ग तथा किसानों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 170,000 करोड़ का कोरोना आपदा फंड आवंटित किया है। जो सभी राज्य सरकारों को फंड जारी किया गया है। भारत के लगभग 80 करोड़ लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जो 3 महीनों तक सभी को मुफ्त में दिया जाएगा।

इस संकट की घड़ी में मीडिया ने अहम भूमिका अदा की है। लोगो को Covid-19 बीमारी से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। अपने जान की प्रवाह किए बिना लोगों तक खबरें पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। इनके अलावा डॉक्टर, नर्स, पुलिस आदि का कार्य सराहनीय एवं वंदनीय है।घर पर रह हम इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं। इस बीमारी से निजात पाने के लिए बहुत से वैज्ञानिकों के द्वारा शोध कार्य जारी है। हम जल्द से जल्द इस महामारी पर विजय प्राप्त करेंगे।

लेखक – पुष्कर ठाकुर

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