Lord Krishna Wife Name: भगवान श्री कृष्ण की पत्नी का क्या नाम है? बहुत से लोगों को लगता है कि श्री कृष्ण की पत्नी राधा हैं। ज्यादातर जगहों पर श्री कृष्ण के साथ राधा रानी की ही पूजा की जाती है। इसलिए श्री कृष्ण की पत्नी राधा हैं, ऐसा ज्यादातर लोगों को लगता है।
वास्तव में राधा रानी से भगवान श्री कृष्ण की मुलाकात बचपन में गोकुल में होती है। राधा रानी मुख्य रूप से बरसाना की रहने वाली थी। वह नंद बाबा के मित्र की पुत्री थी। श्री कृष्णा और राधा रानी बचपन से ही एक दूसरे को जानते थे।
भगवान विष्णु के सभी अवतारों में श्री कृष्ण का अवतार सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण के बारे में बहुत सारी बातें बताई गई है। कई जगहों पर जिक्र किया गया है कि भगवान श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थीं हालांकि इसके पीछे की कथा अलग है।
Lord Krishna Wife Name – श्री कृष्ण की कितनी पत्नियां हैं?
शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण की कुल आठ पत्नी थीं। उनके नाम क्रमशः रुक्मणी, सत्यभामा, जामवंती, कालिंदी, मित्रबिंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था। महाभारत के अनुसार, रुक्मणी भगवान श्री कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे ही विवाह करना चाहती थी।
जब यह बात श्री कृष्ण को पता चली तो उन्होंने रुक्मणी का हरण करके उनके साथ विवाह रचाया था। सूर्यपुत्री कालिंदी श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने की कामना से कठोर तप किया था। तब कालिंदी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्री कृष्ण ने उनके साथ विवाह किया था।
मित्रबिंदा को श्री कृष्ण ने उज्जैनी से स्वयंवर करके विवाह किया था। मित्रबिंदा उज्जयिनी की राजकुमारी थी। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने कौशल के राजा नग्नजीत के सात बैलों को एक साथ नाथकर उनकी कन्या सत्या से विवाह किया था। तत्पश्चात उनका विवाह कैकेय की राजकुमारी भद्रा से हुआ था।
भद्र देश की राजकुमारी लक्ष्मणा भी श्री कृष्ण को चाहती थी। लेकिन उनका परिवार श्री कृष्ण से विवाह के लिए राजी नहीं था। तब श्री कृष्ण ने लक्ष्मणा को अकेले ही जाकर हर लिया और विवाह किया।
16100 कन्याओं से कैसे हुआ श्री कृष्ण का विवाह
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार नरकासुर ने बलि देने के उद्देश्य से 16000 कन्याओं को बंदी बना लिया था। जब भगवान श्री कृष्ण को यह बात पता चली तो उन्होंने नरकासुर का वध किया और उन सभी कन्याओं को कैद से मुक्त कराया। लेकिन जब सभी कन्याएं अपने-अपने घर पहुंची तो उनके परिवार ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया। तब श्री कृष्ण 16100 रूपों में खुद विभक्त होकर उन सभी कन्याओं से विवाह किया था।
कई मान्यताओं में इस बात का जिक्र किया गया है कि इन कन्याओं के परिवार वालों ने लोक लाज के डर से अपनी पुत्री को अपनाने मना कर दिया था। इस कारण से इन सभी कन्याओं ने मन ही मन भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मान लिया था और उनकी भक्ति करने लगी थीं।
डिस्क्लेमर- यह जानकारी पौराणिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है। हमारा उद्देश्य पाठकों को सिर्फ जानकारी उपलब्ध करवाना है।
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