हिंदू शास्त्रों में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति, धन और वैभव बना रहता है। शास्त्रों के मुताबिक महालक्ष्मी के पूजन के नियम और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए कई उपाय भी बताए गए हैं। यह भी पढ़ें- करोड़पति बनने के संकेत क्या होते हैं? भगवान किस प्रकार के संकेत देते हैं?
माना जाता है कि घर के मंदिर में शंख रखने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय मिलने वाले 14 रत्नों में से शंख एक था। किसी भी शुभ कार्य, पूजा से पहले शंख बजाने की परंपरा है। शास्त्रों में घर के पूजा स्थल में दक्षिणावर्ती शंख रखते के कुछ नियम भी बताए गए हैं।
कैसा होता है दक्षिणावर्ती शंख
दक्षिणावर्ती शंख को बेहद लाभकारी माना गया है। दक्षिणावर्ती शंख की पहचान है कि उसका पेट बांए और तथा इसका मुख दाएं तरफ खुला होता है। इसके साथ ही इसे कान पर लगाने से हल्की ध्वनि भी सुनाई देती है। यह भी पढ़ें- पीपल पेड़ में लक्ष्मी का वास कब होता है? जानें कब करें पूजा
पूजा घर में दक्षिणावर्ती शंख को इस तरह रखें
शास्त्रों के अनुसार, घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन इसको रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर ऊँ श्री लक्ष्मी सहोदराए नमः मंत्र का जाप करें। इसके बाद लाल रंग के साफ कपड़े में लपेटकर शंख को मंदिर में उचित स्थान पर रख दें।
मान्यता है कि जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख पाया जाता है, उस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। शुक्रवार को शंख की विशेष पूजा करके इसे बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है तथा आर्थिक संकटों से भी मुक्ति मिलती है। यह भी पढ़ें- जानिए सावन में सोमवार को ही क्यों रखा जाता है शिवजी का व्रत, नियम और महिमा
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के और भी तरीके होते हैं। महालक्ष्मी की पूजा प्रतिदिन करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की विशेष विधि विधान से पूजा करने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है।
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