होली के रंग: रंग में पड़ी भंग करे दंग

होली के रंग

होली के रंग में अगर थोड़ी-सी भंग पड़ जाए तो कहते हैं जनाब कि रंग जम जाता है, लेकिन अगर उसमें थोड़ा-सा भी भंग पड़ जाए तो सारा रंग समझो उड़ ही जाता है, वैसे ही जैसे आजकल कांग्रेस की हवाइयां उड़ी हुई हैं मध्यप्रदेश को लेकर। खैर, जहां तक भंग की बात है, यह थोड़ी सी, थोड़े से का भी फर्क है और पड़ने-पड़ने का भी फर्क है। भंग अगर पड़ गयी तो ठीक और पड़ गया तो सब गड़बड़। समझ लो कि यह गयी और गया का फर्क है।

कुछ लोगों का मानना है कि होली में थोड़ी भंग न हो तो रंग का क्या मजा। वैसे ही जैसे कुछ लोगों का यह मानना है कि दीवाली में अगर एक-दो ताश की बाजी नहीं खेली तो दीवाली का क्या मजा। पर ये दोनों ही बातें नैतिकता को जेब नहीं देती, इसलिए संत, महंत, ज्ञानी और उपदेशक लोग कभी ऐसी सीख नहीं देते। और जो सीख वे देते हैं, उसे कोई न माने तो उन्हें लगता है कि यह कुएं में ही भंग पड़ी है।

यह भी ट्रेंड में है 😊👇

ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना की एक साहसिक कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का एक ऐसा अभियान था जिसे विशेष रूप से आतंकवादियों के…

May 21, 2025
आम बजट 2024- 25

आम बजट 2024- 25: बिहार पर फोकस, मुद्रा लोन की सीमा बढ़ी, शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने MODI 3.0 सरकार का पहला आम बजट 2024-…

Jul 26, 2024
हो जीवन उद्गार प्रिय

हो जीवन उद्गार प्रिय

इंद्रधनुषी सतरंगीझिलमिल हो नभ पंथकनक थाल में मेघ सजा होहो जीवन उद्गार प्रिय। सुरमई शामआँगन…

Apr 3, 2024

वक्त ही खराब है, जमाना ही ऐसा आ गया है कि सीख सुनते तो सब हैं और सुनने के लिए न जाने-जाने कहां-कहां पहुंच भी जाते हैं, पर सीख लेता कोई नहीं। असल में सीख प्रसाद नहीं है न, वह कान में फूंका जाने वाला मंत्र भी नहीं है। यहां सीख देने वालों की कोई कमी नहीं, बस लेने वालों की है।

लेकिन इस बार तो होली का रंग भंग ही हो गया समझो। भंग में रंग हो तो ठीक लेकिन रंग में भंग हो तो सब गड़बड़। जी नहीं बात कांग्रेस की नहीं है कि भाजपा ने उसके रंग में भंग डाल दिया। उसकी बात करने के लिए चैनल वाले हैं न, करने दो। यह भंग तो कोरोना वायरस ने डाला है। नहीं जी हाथ मत मिलाओ, नहीं जी गले मत मिलो। गले मिलने से रोकने वाले दंगई कम थे क्या जो कोरोना भी आ गया। क्या बीमारी है साहब कि दुकानदारों की रंग और गुलाल धरी की धरी रह गयी।

ताजा खबरें 😄👇

Happy New Year Shubhkamna Sandesh

Happy New Year Shubhkamna Sandesh: अपने फ्रेड्स और फैमली को भेजें यह शुभकामना संदेश

नया साल एक नई शुरुआत, नई उम्मीदों और नए सपनों का संदेश लेकर आता है।…

Dec 18, 2025
Huawei Mate 80

Huawei Mate 80 सीरीज: डिमांड इतनी ज्यादा कि कंपनी भी हैरान! क्या आपको भी करना होगा इंतजार?

Huawei ने चीन के स्मार्टफोन बाजार में Mate 80 सीरीज के साथ धमाकेदार वापसी की…

Dec 16, 2025
लाडकी बहिन योजना

क्या बंद हो रही है लाडकी बहिन योजना? नवंबर-दिसंबर की किस्तें अटकीं, जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना में दो महीने से किस्तें अटकी हैं। चुनावी प्रक्रिया को…

Dec 9, 2025

मध्य प्रदेश में तख्ता पलटकर भाजपायी भी कितना गुलाल उड़ाएंगे। खून की होली तो दंगइयों ने खेली। और आम लोग रंग की होली भी न खेले पाए। आम आदमी पार्टी से उम्मीद थी कि उसकी जीत हुई है तो कम से कम वह तो खेलेगी। पर उसे दंगइयों ने रोक दिया बोले—हम खुलकर होली खेल लें, तुम अभी ठहरो।

बस वह ठहर कर रह गयी है। बढ़ी है तो बस कन्हैया के मामले में कि भैया लो चला लो इस पर मुकदमा, हमारी जान छोड़ो। खैर, कोरोना ने सारा रंग में भंग कर दिया। बड़े-बड़े नेता तक कह रहे हैं कि भैया इस बार होली माफ करो। इस बार उनके होली मिलन भी नहीं हुए। कुछ लोगों का कहना है कि भैया भंग तो दंगे ने डाला, पर कोरोना ने भी कम नहीं डाला। बाजार उसने उजाड़े तो इसने भी कम नहीं उजाड़े।

✍ सहीराम


Follow us on Google News

देश और दुनियाँ की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए Huntnews.Com के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Picture of Huntinews Hindi

Huntinews Hindi