भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते कुछ समय से जारी सियासी संकट के लिए 20 मार्च का दिन बड़ा रहा। जिसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति किस ओर करवट लेगी, उसकी तस्वीर फ्लोर टेस्ट से पहले ही साफ हो गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान किया।
कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि:– पहले दिन से भाजपा ने हमारे खिलाफ षडयंत्र शुरू कर दिया था। जब मध्य प्रदेश में 15 महीने पहले हमारी सरकार बनी थी तो भाजपा के नेता कहते थे कि ये सरकार 15 दिन की सरकार है। ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। बीजेपी 15 महीने से मेरी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है। 15 महीने में मैंने और मेरी सरकार ने जिस तरह से काम किया, उसे यहां की जनता ने देखा। हमारे ऊपर कोई भी आरोप नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि धोखा देने वालों को मध्य प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को 15 साल मिले थे और मुझे केवल 15 महीने। आखिर हमारा क्या कसूर था? हमारे ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गुजरे। इन 15 महीनों मे राज्य का हर नागरिक गवाह है कि मैंने राज्य के लिए कितना काम किया। जनता को हमारे काम से कोई परेशानी नहीं मगर बीजेपी को यह पसंद नहीं आया और उसने लगातार हमारे खिलाफ साजिश रची।
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