जानिए 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस

why-we-celebrate-navy-day-on-4-december

पुष्पांजलि शर्मा, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जिसकी स्थापना 1612 में हुई थी। अपनी स्थापना काल से ही भारतीय नौसेना ने सरहदों की सुरक्षा को अभेद्य बनाए रखा है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए East India Company’s Marine के रूप में सेना गठ‍ित की थी। जिसे बाद में रॉयल इंडियन नौसेना नाम द‍िया गया। भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना के नाम से जाना जाने लगा।

Whatsapp GroupJoin
Telegram channelJoin

1971 के भारत-पाक  युद्ध में भारतीय नौसेना  के जश्न के जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नौसेना के जाबाजों को याद किया जाता है।  पाकिस्तानी सेना द्वारा 3 दिसंबर को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था। इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी।  पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए  ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया। यह अभियान पाकिस्‍तानी नौसेना के करांची स्थित मुख्‍यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया।

Follow us on Google News
यह भी पढ़ें -   जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन की तैयारी और कार्रवाई इतनी जबरदस्त तरह से की थी कि पाकिस्तान को संभलने का मौका नहीं मिला। भारत की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के तीन पोत बर्बाद होकर डूब गए। एक पोत बुरी तरह डैमेज हुआ और बाद में वह भी बेकार हो गया। इस ऑपरेशन में करांची हार्बर फ्यूल स्टोरेज को भी भारत ने पूरी तरह तबाह कर दिया। भारत की ताकत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उसे इस कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ। भारत की तरफ से इस कार्रवाई में तीन विद्युत क्लास मिसाइल बोट और दो 2 एंटी सबमरीन कोवर्ट ने हिस्सा लिया था।

यह भी पढ़ें -   Article 370 हटाने वाली विधेयक को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
why-we-celebrate-navy-day-on-4-december
भारतीय नौसेना के अधिकारी

दरअसल, साल 1971 में भारत-पाक के बीच बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने सीमा पर 3 विद्युत मिसाइल तैनात कर दी थी। इसके बाद ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत 4 दिसंबर के दिन 460 किलोमीटर दूर करांची पर हमले की तैयारी शुरू कर दी गई। हमला रात को किया जाना था, क्योंकि पाकिस्तानी एयरफोर्स रात में कार्रवाई करने में सक्षम नहीं थी।

भारतीय नौसेना के कई ऐसे साहसपूर्ण कार्य इतिहास में अंकित हैं जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता। साल 1950 में भारत के पूर्ण रूप से गणतंत्र होने के बाद नौसेना का दोबारा गठन हुआ। अपने गठन के बाद से सेना के इस अंग को भारतीय नौसेना के नाम से जाना जाने लगा। उसी वक्त से 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

यह भी पढ़ें -   भारतीय सशस्त्र बल ने संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का किया अभ्यास, दिखाई सैन्य तत्परता
Whatsapp GroupJoin
Telegram channelJoin

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।