नई दिल्ली। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर हो रहे विरोध के बीच एक कमिटी का गठन कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने मोदी सरकार को झटका देते हुए कृषि कानूनों पर रोक लगाने का भी आदेश दिया। अदालत के इस फैसले के बाद मोदी सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।
कौन-कौन हैं कमिटी में शामिल
केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी में बेकीयू अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के अनिल धनवट शामिल हैं। दूसरी तरफ कमेटी का गठन होते ही इसका विरोध शुरू हो गया है।
कांग्रेस ने किया विरोध
कांग्रेस पार्टी ने कमेटी बनने के बाद अपना विरोध दर्ज कराया है। पार्टी के एमपी कांग्रेस ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया और कहा, “आज बनी कमेटी के सभी सदस्य कृषि बिल के समर्थन में बयान दे चुके हैं। किसानों से इतनी बड़ी साजिश..?”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सदस्यों पर राजनितिक दलाों ने भी सवाल खड़ा किया है। लेकिन अभी तक किसी नेता ने इसपर कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में सरकार पर किसानों के साथ साजिश करने का आरोप लगाया।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे किसानों के साथ पहले बातचीत करेंगे। इसके बाद वे आगे की रणनीति तय करेंगे।
बता दें कि कमेटी में शामिल अनिल धनवट ने पिछले महीने कहा था कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस नहीं लेना चाहिए। शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल धनवत ने कहा था कि सरकार ने कानूनों को पारित कराने से पहले किसानों से विस्तार से बात नहीं की, जिसकी वजह से गलत सूचना फैली। उन्होंने कहा था कि इन कानूनों को वापस लेने की जरूरत नहीं है।