पुष्पांजलि शर्मा। ऐ नारी! तुम हर चुनौती में सफल हो…
नारी तुम सर्वदा, शक्ति, साम्थर्य, आत्मसमर्पण का बल हो…
नीले गगन को चीरते हुए आसमान को छूने वाली उड़ान हो…
चाँद पर जाना हो या समाजिक कुरूतियों से हो तुम्हारा सामना
तुम से ही देश की बढ़ती समस्या का हल हो
ऐ नारी! तुम हर चुनौती में सफल हो…
नारी तुम स्वाभिमान से भरी झांसी की रानी हो
तो सेवा से भरी मदर टेरेसा का स्वरूप हो
बहन के रूप में स्नेह हो
तो मां की ममता का विस्तार हो
ऐ नारी! तुम हर चुनौती में सफल हो…
नारी तुम उर्जा से भरी हो तो प्रेम से परिपूर्ण हो
तुम ही जगजननी तो तुम ही स्वामिनी हो
घर से लेकर बाहर तक सामंजस्य बिठाती हो
हो जहां तुम्हारी अवहेलना तो काली बन जाती हो
नारी! तुम हर चुनौती में सफल हो…
नारी तुम वो फूल हो जिसके बिना ईश्वर की पूजा है अधूरी
तुम ही आस हो तो तुम ही विश्वास हो
हर पल मुस्कुराती देवी लक्ष्मी का स्वरूप हो
परिवार की शान तो प्रेरणा की रूप हो
ऐ नारी! तुम हर चुनौती में सफल हो…
✍ “पुष्पांजलि”
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