नई दिल्ली। भारत और चीन के बाच गलवान में टेंशन होने के बाद भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में अपना वॉरशिप तैनात कर दिया था। हालांकि इसको लेकर भारतीय नौसेना ने ज्यादा पब्सिलिटी नहीं की। इसे गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया। गलवान टेंशन के दौरा वॉरशिप लगातार अमेरिकी नेवी के वॉरशिप से भी संपर्क में थी। इसको लेकर चीन ने भारत के सामने विरोध भी दर्ज कराया था।
जानकारी के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच जब गलवान विवाद को लेकर डिप्लोमैटिक स्तर की बातचीत शुरू हई तो चीन ने इसपर सबसे पहले भारत के सामने नाराजगी जताई थी। बता दें कि दक्षिणी चीन सागर को चीन ने अपना बताता है। हालांकि यहां पर मौजूद अन्य देश भी अपना दावा पेश करते हैं।
चीन ने 2009 से ही चीन सागर में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ा रहा है। भारतीय नौसेना के वॉरशिप की तैनाती के बाद चीनी नौसेना ने भारत के सामने इस मुद्दे पर शिकायत भी की थी। दरअसल, यह एक नियमित ड्रिल थी। इसमें भारतीय नौसेना ने इस पूरे मिशन बेहद ही संतुलित और खुफिया तरीके से पूरा किया।
गलवान झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे
बता दें कि बीते दिनों भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुए विवाद और हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद ही भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में अपना वॉरशिप तैनात कर दिया था। गलवान झड़प में चीन के भी लगभग 60-70 के करीब जवानों के मारे जाने की जानकारी मिली थी। हालांकि चीन ने इस बात की जानकारी साझा नहीं की।
भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अजेय
बता दें कि अलग-अलग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना हिंद महासागर और आसपास होने वाली किसी भी गैर जरूरी गतिविधि से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। नौसेना की कोशिश जारी है कि जल्द से जल्द हिंद महासागर में सतर्कता बढ़ाने के लिए जरूरी सिस्टम को मजबूत कर लिया जाए।



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