नई दिल्ली। नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से सरकार ने बातचीत की पेशकश की है। जवाब में किसान संगठनों ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठक की। बैठक में सरकार से बातचीत के लिए सभी संगठन सहमत हुए। किसान संगठनों की तरफ से सरकार से बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे का प्रस्ताव भेजा गया है।
किसान संगठनों ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि अगर बातचीत के बाद सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानीं तो किसान आंदोलन को और आगे तक ले जाएंगे। बता दें कि इससे पहले किसानों की तरफ से इस तरह का बयान आ चुका है कि वह 4 महीने तक की राशन की व्यवस्था कर आंदोलन करने आए हैं।
30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसान
किसान संगठनों ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि 30 दिसंबर को दिल्ली के सभी बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद देश में ब्लॉक और तहसील स्तर पर कृषि कानून के खिलाफ एकजुटता का मुहिम चलाया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के खिलाफ किसानों का पिछले लगभग एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के कई बॉर्डर इलाकों पर किसानों डेरा डाला हुआ है। बताया जा रहा है कि शनिवार को पंजाब से अन्य किसान भी आंदोलन को समर्थन देने के लिए आवश्यक सामान साथ लेकर दिल्ली बॉर्डर की ओर बढ़ चुके हैं।
जिस प्रकार से किसानों की तैयारी है उसे देखकर ऐसा लगता है कि अगर 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत में अगर कोई रास्ता नहीं निकलता है तो किसान आंदोलन को लंबा खीचेंगे और उनका प्रदर्शन भी लगातार जारी रहेगा। किसान यूनियन के नेताओं के मुताबिक, पंजाब के संगरूर, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और बठिंडा जिलों समेत विभिन्न स्थानों से किसान सिंघू और टिकरी बॉर्डरों की ओर बढ़ रहे हैं।



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