लंदन। चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रखी हुई है। कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को राहत दिलाने के लिए इसके वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। 23 अप्रैल से ब्रिटेन में दुनिया का सबसे बड़ा ह्यूमन ट्रायल शुरु हो रहा है। इस ट्रायल पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। अबतक दुनिया भर में 26 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित हुए हैं।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से जान गवाने वाले लोगों की संख्या 1.80 लाख से भी ज्यादा है। देखा जाये तो इस जानलेवा वायरस ने अब तक पूरी दुनिया को दुख ही दुख दिये हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन सीएचएडीओएक्स1 एनसीओवी-19 से आने वाले कुछ सप्ताह में चमत्कार हो सकता है।
यह भी ट्रेंड में है 😊👇

पंजाब बाढ़ त्रासदी: आह्वान फाउंडेशन का बड़ा राहत अभियान, 30,000 राहत किट वितरित करने का संकल्प
पंजाब में आई भीषण बाढ़ से मची तबाही के बीच आह्वान फाउंडेशन ने राहत और…

Gold Rate Today: 9 सितंबर 2025: आज का सोने का भाव
Gold Rate Today: भारत में सोने का भाव हमेशा से ही आम लोगों और निवेशकों…

Lunar Eclipse 2025: दुनिया ने देखा ब्लड मून का नजारा, 3 घंटे तक चंद्रमा पर छाई पृथ्वी की रहस्यमयी छाया!
Lunar Eclipse Photos 2025 – साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण दुनिया भर के खगोल…
दुनिया में वैक्सीन बनाने के लिए 150 परियोजनाएं चल रही हैं
बता दें कि दुनिया में इस समय कोरोना वायरस के टीके को लेकर बेशक 150 परियोजनाएं चल रही हैं लेकिन जर्मनी और ब्रिटेन दुनिया के उन पांच देशों में शामिल हैं जिन्हें क्लिनिकल ट्रायल की इजाजत मिली है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी 510 और जर्मनी का फेडरल इंस्टीट्यूट 200 स्वस्थ लोगों पर कोरोना के टीके का परीक्षण करेगी। जिन लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा उन्हें 18 साल से 55 साल की श्रेणी में रखा गया है। ट्रायल के दौरान टीके की अलग-अलग किस्म को अलग-अलग लोगों को देकर यह देखा जाएगा कि ये वायरस को खत्म करने में कितना कारगर है।
वैक्सीन के दुष्परिणामों का भी अलग से परीक्षण किया जाएगा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक का कहना है कि यह टीका कोरोना वायरस से लड़ने का एकमात्र कारगर तरीका है। टीके के ट्रायल के लिए लंदन के इंपीरियल कॉलेज को 2.25 करोड़ पाउंड की राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
ताजा खबरें 😄👇

Happy New Year Shubhkamna Sandesh: अपने फ्रेड्स और फैमली को भेजें यह शुभकामना संदेश
नया साल एक नई शुरुआत, नई उम्मीदों और नए सपनों का संदेश लेकर आता है।…

Huawei Mate 80 सीरीज: डिमांड इतनी ज्यादा कि कंपनी भी हैरान! क्या आपको भी करना होगा इंतजार?
Huawei ने चीन के स्मार्टफोन बाजार में Mate 80 सीरीज के साथ धमाकेदार वापसी की…

क्या बंद हो रही है लाडकी बहिन योजना? नवंबर-दिसंबर की किस्तें अटकीं, जानें पूरा मामला
महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना में दो महीने से किस्तें अटकी हैं। चुनावी प्रक्रिया को…
चिंता के साथ 80 फीसदी सफलता की भी उम्मीद
ऑक्सफोर्ड की शोध निदेशक प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने अनुमान लगाया कि टीके के सफल होने की लगभग 80 प्रतिशत संभावना है। ब्रिटेन टीके की तलाश में सबकुछ झोंकने के लिए तैयार है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार इसे लेकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन के वायरोलॉजिस्ट को चिंता भी है।
वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि यदि इसमें कुछ भी गलत हुआ तो हजारों-लाखों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। लैब की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वालांसे भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।
वहीं जर्मनी की बायोटेक कंपनी बायो एन टेक ने कोविड-19 का टीका बना लिया है। अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर के साथ मिलकर बायो एन टेक ने इस टीके को बनाया है। जिसका नाम बीएनटी162 रखा है। जर्मनी के बाद इसका ट्रायल अमेरिका में भी किए जाने की संभावना है।
ब्रिटिश सरकार और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने 2009 में स्वाइन फ्लू का टीका विकसित किया था। हजारों लोगों पर इसका ट्रायल किया गया। इसमें शामिल लोगों ने सरकार और कंपनी पर मुकदमा ठोक दिया कि उन्हें नतीजों की कोई जानकारी नहीं दी गई और उनकी सेहत पर प्रायोगिक टीके का बुरा प्रभाव पड़ा।

देश और दुनियाँ की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए Huntnews.Com के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।
































